रानपुर में देवनारायण आवासीय एकीकृत पशुपालन योजना में गड़बड़ी की उच्च स्तरीय जांच व दोषी अधिकारियों और दलालों पर कार्रवाई व आवंटन और कब्ज़ा पत्र को रोकने के सम्बन्ध में यूआईटी सचिव को पूर्व कृषि उपज मंडी उपाध्यक्ष देवा भड़क के नेतृत्व में ज्ञापन िदया गया। ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार ने कोटा शहर में रहने वाले छोटे तबके के जरूरतमंद लोगों के लिए यह योजना बनकर तैयार की। जिसमें राज्य सरकार के करोड़ों रुपए लगे थे, जिसमें हर तरह की सुविधा उपलब्ध की थी, परन्तु कोटा में अधिकारियों व दलालों की सांठगांठ से गरीब लोगों को न देकर बड़े बड़े पैसे वालों को यह मकान आवंटन कर दिया गया, जिनका कोटा शहर व पशुपालन से कोई लेना देना नहीं है। एक ही व्यक्ति को 5 से 6 मकान दे डाले। देवनारायण आवासीय योजना के आसपास के गांव वालों को भी इस योजना में से 2 लाख रुपए ऊपर लेकर लाॅटरी का माध्यम बना कर दे डाला। जिससे जरूरतमंद लोगों का हक मारा गया और दलालों द्वारा मकान की खरीद फरोख्त हो रही है। उन्होंने मांग की है कि इस योजना की जांच उच्च स्तरीय माध्यम से की जाए तो इसमें करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आएगा। इस लॉटरी में जिनका मकान खोला गया है, जिनके पास कोई पशु नहीं है और न ही कोटा शहर में रहते हैं। जिन लोगों का सर्वे किया गया है, उनमें से 15 प्रतिशत ही लोगों को मकान दिया गया, बाकी सारे लोगों ने बेचने के लिए मकान लिया। यूआईटी के अधिकारी और दलालों के माध्यम से इस योजना का दुरुपयोग किया गया है एक परिवार के एक मकान की योजना थी, परन्तु दलालों द्वारा एक परिवार में एक ही को 5-6 मकान दे दिए। इस योजना में लॉटरी का तो बहाना है, अपने खास लोगों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया है। अब 451 मकान बनकर तैयार हो रहे हैं, इनको आवंटन पत्र और कब्ज़ा पत्र नहीं देकर उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाकर जांच कर मकान की लॉटरी निरस्त की जाए और जरूरतमंदों को ही मकान दिया जाए और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए।