जस्थान शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों के नए सत्र के लिए जारी शैक्षणिक कैलेंडर  से राजनीतिक बहस शुरू हो गई है. शिविरा पंचांग में 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के उपलक्ष्य में स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस मनाने का प्रस्ताव है. इसमें 28 मई को वीर सावरकर जयंती मनाए जाने की घोषणा भी की गई है. 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था. शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए कैलेंडर शिविरा पंचांग रविवार को जारी किया. इसमें 4 फरवरी को सूर्य नमस्कार दिवस, 7 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती, 14 फरवरी को मदर्स डे-फादर्स डे और 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस दिवस के तौर पर शामिल किया गया है. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्कूलों में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का जश्न मनाने के भाजपा सरकार के फैसले की आलोचना की. उन्होंने कहा, 'सरकार का यह कदम शैक्षिक के बजाय राजनीतिक हितों को साधने वाला है. कांग्रेस शिक्षा के इस राजनीतिकरण और राज्य सरकार द्वारा छात्रों पर अपनी विभाजनकारी विचारधारा थोपे जाने का विरोध करती है.' 26 फरवरी को कार्यभार संभालने के बाद स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सावरकर और महाराणा प्रताप जैसी हस्तियों के इतिहास में चित्रण की आलोचना की थी. उनका तर्क था कि पिछली कहानियों में मुगल बादशाह अकबर का गलत तरीके से महिमामंडन किया गया था. स्वतंत्रता संग्राम में सावरकर की भूमिका को इतिहास में गलत तरीके से लिखा गया है