देश के कई हिस्सों में चांदीपुरा वायरस का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। गुजरात में बुधवार को भी इसके कारण तीन बच्चों को जान गंवानी पड़ी। इसके साथ ही इस वायरस के कारण अब तक 41 बच्चों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में चांदीपुरा वायरस के संदिग्ध और पॉजिटिव समेत 118 मामले हो गए हैं। इनमें सबसे अधिक 15 मामले पंचमहाल जिले में हैं।

चांदीपुरा वायरस से बचने के उपाय

मच्छरों से बचें: चांदीपुरा वायरस मच्छरों से फैलता है, इसलिए मच्छरों से बचने के लिए रात में और सुबह-शाम फुल स्लीव्स के कपड़े पहनना चाहिए।

नेट का उपयोग करें: मच्छरों को कीड़ों से बचने के लिए रात में नेट का उपयोग करना चाहिए।

मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें: मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करके मच्छरों को दूर रखा जा सकता है।

खिड़की और दरवाजों को बंद रखें: घर के अंदर मच्छरों को आने से रोकने के लिए खिड़की और दरवाजों को बंद रखना चाहिए।

क्या है और कैसे फैलता है

डॉक्टर की सलाह लें: अगर आपको चांदीपुरा वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

-चांदीपुरा वायरस क्या है: यह एक आरएनए वायरस है जो मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है।

-चांदीपुरा वायरस के लक्षण: बुखार, फ्लू जैसे लक्षण, तेज एन्सेफलाइटिस (दिमाग में सूजन)।

-चांदीपुरा वायरस कितना खतरनाक है: यह वायरस शिशुओं और वयस्कों दोनों के लिए घातक हो सकता है। वायरस से संक्रमित बच्चे लक्षण दिखने के 48-72 घंटों के भीतर मर जाते हैं।