अब महज तीन घंटे में जयपुर से दिल्ली तक का सफर तय होगा। दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाईवे को जोड़ने वाले 67 किमी. लम्बे जयपुर-बांदीकुई चार लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए जयपुर के बगराना गांव में अवाप्त भूमि पर निर्मित 250 से ज्यादा दुकानों, मकानों और संरचना को हटाने का कार्य जिला प्रशासन की समझाइश के बाद पूरा करा लिया। प्रभावितों को मुआवजा भी दिया गया। सदर्न रिंग रोड और जयपुर-आगरा हाईवे को सीधा क्लोवर लीफ व अन्य स्ट्रक्चर के माध्यम से 6 लेन एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाना है। दरअसल, प्रोजेक्ट के तहत आगरा रोड पर बगराना के पास दोनों तरफ क्लोवर लीफ का कार्य किया जाना था। इसके लिए कुल 265 संरचना को हटाया जाना था। 14 करोड़ 54 लाख 86 हजार 622 रुपये का संरचना मुआवजा अवार्ड जारी किया गया था। क्लोवर लीफ के रैप 3 और 4 का कार्य अप्रैल-मई 2024 में प्रारम्भ कर दिया गया था। इसके बाद रैप एक और दो का कार्य प्रारम्भ करवाया जाना था। जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि रैंप एक और दो व लूप एक और दो के निर्माण के लिए पाल कॉलोनी, लक्ष्मी मार्केट, चित्रकूट कॉलोनी, बीआर नगर, पंचवटी कॉलोनी आदि क्षेत्र में 220 रहवासी संरचना को हटाया जाना था। जिसके लिए संबंधित हित पक्षकारों को मुआवजा वितरित किया गया।अतिरिक्त जिला कलक्टर (तृतीय) राजकुमार कस्वां, उपखण्ड अधिकारी (जयपुर-प्रथम) राजेश जाखड़, तहसीलदार पुष्पेंद्र सिंह ने मौके पर जाकर प्रभावितों से समझाइश की। इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को संरचनाएं सौंपी गई और हटाने की कार्रवाई शुरू की। एनएचएआइ के प्रबंधक पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग और प्रभावितों की सहमति के बाद प्राधिकरण का प्रयास रहेगा कि आगामी सितंबर तक क्लोवर लीफ और रैंप का कार्य पूर्ण कर लिया जाए। दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाईवे को जोड़ने वाले 67 किमी. लंबे जयपुर-बांदीकुई चार लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। एक हजार 368 करोड़ की लागत से बनने वाले 67 किमी लंबे लिंक एक्सप्रेस-वे में करीब 56 किमी का डामरीकरण पूरा हो चुका है। एक्सप्रेस-वे के बनने से दिल्ली-जयपुर के बीच का सफर तीन घंटे का हो जाएगा। इसके साथ ही जगह-जगह मिलने वाले जाम से भी मुक्ति मिलेगी।