राजस्थान विधानसभा में  इन दिनों सदन की कार्रवाई चल रही है. मंगलवार को एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सबको चौंका दिया. आमतौर पर विपक्ष सत्ता पक्ष को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर देता है. लेकिन इस बार सत्ता पक्ष के विधायक ने ही अपने सरकार पर सवाल खड़े कर दिए. दरअसल यह सवाल सिविल लाइंस से भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने अपने ही सरकार से किया है. यह सवाल भाजपा विधायक ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्तालय के मोबाईल जांच लैब की स्थापना को लेकर किया. भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्तालय के मोबाईल जांच लैब की स्थापना को लेकर सवाल करते हुए कहा कि 2022 अप्रैल से ड्रग ऑफिसर भर्ती का काम चल रहा है, अभी तक भर्ती क्यों नहीं हुई.इस पर मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा फूड सेफ्टी और ड्रग कंट्रोल अलग-अलग डिपार्टमेंट थे, अब इनको मर्ज कर दिया गया है. अब जल्दी भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, 300 नई पोस्ट लाई गई है.इसपर विधायक गोपाल शर्मा ने कहा यह मेरे सवाल का जवाब नहीं है. मैंने सीधा सवाल पूछा है भर्ती क्यों नहीं हुई है. गोपाल शर्मा ने कहा कि मैंने मिलावट के मामलों की सूची मांगी थी वह भी नहीं दी गई है. जवाब में मंत्री ने कहा मोबाइल टेस्टिंग यूनिट 34 हैं जल्दी भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. सदन में विधायक घनश्याम मीणा ने तस्करी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार के संरक्षण में तस्करी हो रही है उसे कब तक रोक लग पाएगी. इस पर मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान में अलग-अलग तरह की नशीले पदार्थ उपलब्ध है. यह युवा पीढ़ी के लिए गंभीर विषय है. सरकार नशे के कारोबार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है. इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कितने मामलों में कारवाई हुई है तो मंत्री ने कहा डाटा उपलब्ध करा दिया जाएगा.सदन में विधायक केसा राम चौधरी ने पाली जिले में बजरी माफिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा. जिसके जवाब में मंत्री गजेंद्र खींवसर ने कहा कि पाली जिले में 5 साल में मारपीट के 12 केस दर्ज हुए. कोर्ट में लंबित मामलों पर मंत्री गजेंद्र खींवसर ने कहा कि जो सवाल पूछा है उसका जवाब दे दिया है. इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सवाल उठाया कि बजरी माफिया के खिलाफ ये तीसरे विधायक हैं, जिन्होंने मामला उठाया है.जूली बोले यह सरकार अवैध बजरी माफिया के खिलाफ कार्रवाई करना चाहती है या नहीं. इसपर पक्ष विपक्ष के सदस्य खड़े होकर आरोप-प्रत्यारोप करने लगें. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इस तरह खड़े होकर बोलने पर नाराजगी जताई.