राजस्थान में आदिवासी-हिंदू को लेकर सियासी उठा पटक जारी है. इसकी शुरुआत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के बयान से हुआ था. जिसमें आदिवासियों के डीएनए टेस्ट करने की बात कही थी. जिसके बाद लगातार उनके बयान के लिए माफी मांगने और उनके इस्तीफे की मांग की जा रही थी. लगातार विरोध के बाद आखिरकार मदन दिलावर ने विधानसभा में 18 जुलाई को माफी मांगी और कहा, मैं आदिवासी समाज से आता हूं. महाराणा प्रताप के साथ युद्ध में भी आदिवासियों ने भी सहयोग दिया था. आदिवासियों को अगर मेरी बातों से पीड़ा हुई है तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं.अब आदिवासी हिंदू को लेकर राजस्थान सरकार के एक और मंत्री और आदिवासी नेता बाबूलाल खराड़ी का बयान सामने आया है. डूंगरपुर जिले में जिला कार्य समिति बैठक में सीपी जोशी, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, सांसद मन्नालाल रावत सहित राजस्थान मंत्री बाबूलाल खराड़ी शामिल हुए थे. इसी बैठक में उन्होंने बयान दिया है. बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि आदिवासी हमेशा से हिंदू था, हिंदू है और हिंदू ही रहेगा जो यह नहीं मानते हैं वह आदिवासी नहीं है. बाबूलाल ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कहते है कि माताएं सिंदूर नहीं लगाएं, मंगलसूत्र नहीं पहने ये आदिवासी समाज में सुहाग की निशानी है. ये लोग समाज को गुमराह कर रहे है. इस  क्षेत्र में जातिवाद का जहर घोल रहे है.