कोटा मेंहर वर्ष की भांति इस वर्ष भी साम्प्रदायिक सौहार्द के प्रतीक बाबा हजरत सूफी अब्दुल गफूर साहब का 17 वां उर्स 29 जुलाई को कनवास के गद्दी नशीन हाजी हाफिज सूफी अब्दुल हकीम (बाबा साहब) के जैरे सरपस्ती में मनाया जायेगा। इस अवसर पर सभी धर्मो को ध्यान में रखते हुए शुद्ध शाकाहारी प्रसादी (लंगर) का आयोजन रखा गया है। जिसका सभी धर्मों के व्यक्ति प्रसाद ग्रहण कर धर्म लाभ अर्जित कर सकेंगें।कार्यक्रम समिति के सदर अब्दुल आसिफ खान ने बताया कि उर्स के दौरान सुबह 11 बजे कुरआन ख्वानी और बाद नमाज जोहर मेहफिल व मिलाद का प्रोग्राम रखा गया है। बाद नमाजे असर फातिहा लंगर का आयोजन किया जायेगा। नमाज के बाद 7 बजे झुलुस के रूप में चादर शरीफ पेश करेंगे। इस झुलुस में जायरीन बढ़चढ़कर हिस्सा लेंगें। उर्स में इन्दौर, उज्जैन, भोपाल, मुम्बई, कोटा, केथून व हाड़ौती संभाग से सभी धर्मों के जायरीनों के भाग लेने की संभावना है।आयोजन समिति के सदर अब्दुल आसिफ खान (कोहीनूर पब्लिसिटी), जनाब लियाकत अली (मिस्त्री) भीमपुरा कैथून, जाकीर र्मिदा प्रोपर्टी, शरिफ खान डोल्फीन एजुकेशन, अजहररूद्दीन पठान विज्ञान नगर, शम्मी भाई कैथून, मोहसिन भाई झालावाड़, सलीम भाई लोहार, रईस भाई लोहार भवानी मण्डी, जफर भाई गोसि, बरकत अली मामू, गुडु भाई वारसि, मेहमुद भाई. कलाम भाई, शाहिद मेव भीमपुरा, इमरान बाबा विज्ञान नगर, अब्दुल शकुर भाई कुरेशी कनवास, सन्जू कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देष्य से रात व दिन एक कर प्रयासरत हैं। आज 17 वे उर्स के पोस्टर का विमोचन सूफी अब्दुल हकीम (बाबा साहब) के करकमलों द्वारा किया गया ।आसिफ खान ने बताया कि बाबा साहब का उद्देश्य साम्प्रदायिक सद्भाव, भाईचारा अमन शांति के पैगाम का सन्देश देना है। सभी धर्म सूफी सन्तों का यही उद्देश्य है सब में भाई चारा व प्रेम हो। हमारे यहा सभी धर्म के लोग आते है। जिनका हमेशा स्वागत सम्मान होता है मानवता ही हमारा पैगाम है। बाबा साहब बालिका शिक्षा पर जोर दे रहे है ताकि इस समाज को सुशिक्षित महिलाओं के द्वारा सुदृढ़ बनाया जा सकें।