इस विषय पर ने केवल भावनाएं, न केवल धर्म बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण अति महत्वपूर्ण होगा, सीएम योगी जनता दरबार में समान रूप से बिना किसी भेदभाव के लोगों की समस्या सुनते हैं, ये उन्हें भी समझना होगा कि जनता के साथ भेदभाव न हों।
और मुस्लिम पक्ष को भी समझना होगा कि प्रदेश के मुखिया होने के नाते सीएम को जनता की सुरक्षा की व्यवस्थाएं रखने में आदेश देने ही होते हैं, क्योंकि सर्वविदित हैं पूर्व में कई घटनाएं हुई हैं।
इसके मध्य नज़र आखिर प्रशासन को सहयोग करना संवैधानिक प्रक्रिया का दर्जा हैं।
लेकिन यहां विचारणीय प्रश्न है कई सारे?
क्या दंगा मुस्लिमों की तरफ से ही होगा?
दंगा फसाद कहीं भी किसी भी हरकत से उभरता है, इसमें आप एक पक्ष को कैसे गुनहगार ठहरा सकते हैं ?
प्रदेश मुखिया के साथ अन्य घटक दल भी हैं, जो प्रदेश और केंद्र की राजनीति में उन पर क्या प्रभाव पड़ना हैं?
यहां सीएम योगी ही नहीं बल्कि सीएम पद के लिए भी विचारना बेहद जरूरी हैं।
हिंदुत्व की विचारधारा में उत्तर प्रदेश के हित में सीएम योगी से बेहतर कोई चेहरा बीजेपी के पास नहीं।
विपक्ष जो दाल गला रहा हैं भोले भाले लोगों के साथ वो इन्हीं की देन हैं, ये तो दशकों से करते भी यहीं रहे, न्याय की बात।
न्याय सिर्फ़ किसी एक को मिलता है, बल्कि ये समस्या दोनों के बीच समाधान लाने की है।
मुद्दा बेहद गंभीर नहीं हैं लेकिन राजनीतिक पृष्ट भूमि पर बड़ा प्रभावित करने वाला हैं। रोजी रोटी जैसे कई विषय है।
धर्म भावनाओं से जुड़ा हैं जबकि सुरक्षा की व्यवस्था में संवैधानिक प्रक्रिया अपनाई जाएगी तो अशिक्षा के प्रभाव के चलते निम्न निम्न आपत्तियां उठाई जाएंगी।
यदि भारतीय संविधान सर्वोच्च हैं तो सभी के लिए समान ही हैं।
फिर एक पालन करें दूसरा सवाल , ऐसा क्यूं?
यदि भारतीय नागरिक यह भी देखें तो हिंदू मुसलमान करार दिए जा रहे "Name Plate" मुद्दे पर कोई विरोध उत्पन्न न हों।
इसके अलावा भी कुछ विषय जोड़े जा सकते हैं।
जिनसे धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने जैसी घटनाओं पर रोक लग सकें।
प्राय: कई राज्यों में धार्मिक तनाव की खबरें मिलती हैं, ऐसे में यूपी और उत्तराखंड सरकार का फ़ैसला दोनों समुदायों में विरोधाभास जैसा प्रतीत होना, प्रमुखता से दर्शाया जा रहा हैं।
जबकि इसका सुधार स्थानीय स्तर पर, पालिका, निगम आदि से जारी किए गए लाइसेंस पर भी संबंधित व्यक्ति की पूर्ण जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए।
क्योंकि मुख्य माध्यम तो वहीं हैं जिसके अंतर्गत व्यक्ति अपना व्यवसाय कर पा रहे हैं।
इस पर बवाल होने के बजाय प्रशासन को सहयोग देना चाहिए।
जबकि कुछ लोग केवल मुस्लिमों को टारगेट करने में लगे हैं जबकि ऐसा नहीं हैं आप के अपने हिंदुओ में कई बीफ कम्पनी मालिक हिंदू हैं, और बीफ कम्पनी बंद हो हिंदुओ के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है।
ऐसे में बिना सोचे विचारे किसी की भी धार्मिक भावनाओं को आहत करना, अनुचित हैं।
हर तालाब में एक मछली हैं, और उसी के कारण सारा तालाब सड़ जाता हैं।
स्वच्छता अभियान आपके अपने हाथ हैं।
जय हिंद