नई दिल्ली। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की तकनीकी समस्या ने दुनिया की रफ्तार रोक दी। माइक्रोसॉफ्ट के आपरेटिंग सिस्टम में गड़बड़ी आने की वजह से विभिन्न देशों में उड़ानें रद करनी पड़ीं। अमेरिका, यूरोप और एशिया में विभिन्न एयरपोर्टों पर लंबी कतारें लग गईं। आस्ट्रेलिया में टेलीकम्युनिकेशन बुरी तरह प्रभावित हुआ। दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड में पेमेंट सिस्टम, वेबसाइटें एवं एप प्रभावित हुए। वहीं, भारत में वित्तीय प्रणालियां काफी हद तक माइक्रोसॉफ्ट आउटेज से बचीं रहीं।

कुछ बैंकों पर हुआ असर, लेकिन सब ठीक

 

शुक्रवार शाम को रिजर्व बैंक ने एक बयान जारी कर बताया कि माइक्रोसॉफ्ट सेवाओं में बड़े स्तर पर गड़बड़ी ने सूचना प्रौद्योगिक से जुड़े तमाम सेक्टरों पर असर डाला है। रिजर्व बैंक ने अपने नियमन में आने वाले सभी संस्थानों की स्थिति की समीक्षा की है। अच्छी बात यह पता चली है कि भारत में अधिकांश बैंक क्लाउड सिस्टम पर काम नहीं कर रहे हैं और बहुत ही कम बैंक क्राउडस्ट्राइक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रही हैं।

आरबीआइ ने पाया है कि 10 बैंक या गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर मामूली असर पड़ा है। मोटे तौर पर वैश्विक स्तर पर जो अफरा-तफरी मची है भारतीय वित्तीय सेक्टर उससे सुरक्षित बचा हुआ है। आरबीआइ ने अपने नियमन के तहत आने वाली एजेंसियों को एहतियाती कदम उठाने का भी निर्देश दिया है।