पति के 15 वर्ष से कम आयु की पत्नी से संबंध बनाने से संबंधित वैवाहिक बलात्कार के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। राज्य सरकार ने इस मामले में प्रार्थना पत्र पेश कर राजस्थान का भी पक्ष सुनने का आग्रह किया है। जिसके बाद आज सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई के लिए समय दिया है। भजनलाल सरकार की ओर से पेश प्रार्थना पत्र में कहा गया कि यह महिलाओं के प्रति हिंसा से जुड़ा मामला है, ऐसे में इन्टरवीनर के रूप में राजस्थान का भी पक्ष सुना जाए। सुप्रीम कोर्ट इस विषय को लेकर हृषिकेश साहू बनाम कर्नाटक राज्य व अन्य मामले पर सुनवाई कर रहा है। इसमें इन्टरवीनर बनने के लिए ही राज्य सरकार ने सोमवार को प्रार्थना पत्र पेश किया। इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई होनी है। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने राज्य सरकार की ओर से दायर प्रार्थना पत्र में कहा कि भारतीय दंड संहिता में पति अपनी 15 वर्ष से अधिक आयु की पत्नी से संबंध बनाता है, तो वह बलात्कार नहीं है। प्रार्थना पत्र में कहा गया कि यह मुद्दा महिलाओं के अधिकारों व आपराधिक न्याय प्रणाली से जुड़ा हुआ है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय महिलाओं को प्रभावित करेगा। राज्य सरकार वैवाहिक बलात्कार के पीड़ितों के हितों का प्रतिनिधित्व करना चाहती है। प्रार्थना पत्र में कहा कि वैवाहिक बलात्कार से संबंधित कानूनी प्रावधान की संवैधानिकता और सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक परिस्थितियों पर राज्य अपना दृष्टिकोण पेश करना चाहता है।