महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी आए दिन अपने बयानों से चर्चा में रहते हैं. अब उनका एक और बयान आ गया है जो चर्चा में आ सकता है.राज्यपाल महोदय ने अपने नए बयान में कहा है कि वे अब रिटायर होना चाहते हैं. अपनी सेवा निवृत्ति की उन्होंने इच्छा जताई है. ना सिर्फ उन्होंने यह कहा है कि उन्हें रिटायर होने की इच्छा है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी को किस तरह के व्यक्ति को राज्यपाल बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए एक सेवा भाव रखने वाले इंसान की ज़रूरत है.

महाराष्ट्र के अहमदनगर में ‘स्नेहालय’ संस्था की ओर से युवा प्रेरणा शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर का उद्घाटन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के हाथों किया गया. इसी उद्घाटन भाषण में उन्होंने यह बयान दिया.

समाज के लिए करे जो योगदान, राज्यपाल का पद हो उन्हीं के नाम

राज्यपाल कोश्यारी ने कहा,’समाज सुधारने का काम युवकों को करना पड़ेगा. मुझे रिटायर होना है, फिर भी मैंं राज्यपाल के पद पर रह कर काम कर रहा हूं. सही कहूं तो पीएम मोदी को चाहिए मुझे राज्यपाल बनाए रखने की बजाए स्नेहालय संस्था के गिरीश कुलकर्णी जैसे शख्स को राज्यपाल बनाए. उन्होंने समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है.’

इसके बाद राज्यपाल पिछले सात-आठ सालों में देश ने कितनी प्रगति की है,उस पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि 33 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुलवाए गए. जहां शौचालय नहीं थे, वहां शौचालय बनवाए गए. जहां बिजली नहीं थी, वहां बिजली की व्यवस्था करवाई कई. देश स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है. ऐसे में अपने देश के साथ-साथ पड़ोसी देश भी प्रगति करें. अगर पड़ोसी प्रगति नहीं करेंगे तो उसका असर अपने वतन पर ही पड़ने वाला है. इसलिए सबकी प्रगति होनी जरूरी है.

कुछ दिनों पहले कहा था- मुझे मीडिया से बात करने से मना किया गया

‘मुंबई से अगर गुजराती और राजस्थानी चले जाएं तो पैसा कहां बचेगा. फिर महाराष्ट्र में बचेगा क्या?’, यह बयान देने के बाद जब बवाल बढ़ गया था तो राज्यपाल कोश्यारी को उस बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी थी. उन्होंने बाद में कहा था कि महाराष्ट्र को आगे बढ़ाने में सबका योगदान है. उन्होंने कहा था कि खास सामाजिक वर्ग के लोगों ने अपने कार्यक्रम में उन्हें बुलाया था. इसलिए संबंधित कार्यक्रम में उनकी तारीफ में कुछ कहना था, इसका मतलब अन्य समाज को लेकर कोई बुराई करने की भावना नहीं थी.