जयपुर। आगामी कुछ महीनों में राजस्थान की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, जिनमें से एक है सचिन पायलट के गढ़ टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट। यह सीट हरीश मीणा के सांसद बनने के बाद खाली हो गई है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इस सीट पर जीत का भरोसा जताते हुए कहा है कि वे एक बेहतर उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे और उपचुनाव में जीत हासिल करेंगे।
चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी चुनाव समितियों का गठन कर चुनावी तैयारियों को गति दी है। इसके साथ ही दिल्ली से लेकर जयपुर तक नेताओं के बीच टिकट पाने की होड़ शुरू हो चुकी है। संभावित उम्मीदवारों में दोनों पार्टियों के कई बड़े नाम शामिल हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के हरीश चंद्र मीणा ने बीजेपी के विजय बैंसला को 19,175 वोटों से हराकर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी।
देवली-उनियारा सीट के उपचुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से संभावित उम्मीदवारों में पूर्व विधायक रामनारायण मीणा का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। रामनारायण मीणा 2008 से 2013 तक इसी सीट से विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा, प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले धीरज गुर्जर भी उम्मीदवारों की दौड़ में शामिल हैं। कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों में एक चौंकाने वाला नाम प्रह्लाद गुंजल का भी शामिल है।
प्रह्लाद गुंजल का नाम कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार के रूप में सामने आ सकता है। वे लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कोटा संसदीय सीट पर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कड़ी टक्कर दी थी, जिससे उनका नाम चर्चा में आया था।
प्रह्लाद गुंजल गुर्जर समुदाय से आते हैं और उनकी इस समुदाय में मजबूत पकड़ है। इस कारण गुर्जर बहुल इस सीट पर कांग्रेस उन्हें उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव खेल सकती है। बीजेपी की ओर से 2013 से 2018 तक इसी सीट से विधायक रहे राजेन्द्र गुर्जर और 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी रहे विजय बैंसला के नाम प्रमुखता से चर्चा में हैं। बताया जा रहा है कि, अलका गुर्जर, विक्रम सिंह गुर्जर, सीताराम पोसवाल, और पुर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं।
दोनों दलों ने उपचुनाव की तैयारी के लिए कमेटियों का गठन किया है। कांग्रेस ने हरीश मीणा, प्रशांत शर्मा, विकास चौधरी, हरि प्रसाद बैरवा और टोंक कांग्रेस जिला अध्यक्ष समेत 5 सदस्यों की कमेटी बनाई है। वहीं, बीजेपी ने वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़, हीरालाल नागर, जितेंद्र गोठवाल और ओमप्रकाश भड़ाना की चार सदस्यीय कमेटी गठित की है।
इस क्षेत्र में जातिगत राजनीति का प्रभाव प्रमुख है, यहां चुनावी मुद्दे कम और जातिगत आधार पर चुनावी रणनीतियां ज्यादा प्रभावी रही हैं। भाजपा अक्सर गुर्जर उम्मीदवार पर दांव लगाती है, जबकि कांग्रेस मीणा जाति के उम्मीदवार को चुनती है। अब तक इस सीट पर निर्दलीय और अन्य राजनीतिक दलों का खास प्रभाव नहीं रहा है। भाजपा और कांग्रेस के बागी उम्मीदवार ही कुछ हद तक चुनावी समीकरणों को प्रभावित करते रहे हैं।