ब्रिटेन की सत्ता बदलने के बाद जनता ने फ्रांस में भी तख्तापलट कर दिया. फ्रांस में रविवार को हुए आम चुनावों में राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की पार्टी हार गई. सोमवार को आए आंकड़ों के मुताबिक, कुल 577 सीटों पर मतदान हुआ. इनमें से वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट गठबंधन को 182 सीटें मिलीं. वहीं, दूसरे नंबर पर इमैनुअल मैक्रों की रेनेसां पार्टी रही, रेनेसां केवल 163 सीटें ही जीत पाई. दक्षिणपंथी नेशनल रैली गठबंधन को 143 सीटें मिलीं. तीनों बड़े दलों में से किसी को भी बहुमत हासिल नहीं हुआ. फ्रांस में बहुमत के लिए 289 सीटें जीतना जरूरी है. किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है तो ऐसे में फ्रांस में गठबंधन की सरकार बनना तय है. वहीं, वामपंथी गठबंधन को ज्यादा सीटें मिलने की वजह से राजधानी पेरिस समेत पूरे देश में हिंसा भड़क गई. नतीजे आने के बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और हिंसा शुरू कर दी. वीडियो में प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर आग जलाते और उपद्रव करते हुए देखा गया है. हिंसा को देखते हुए देशभर में पुलिस को तैनात किया गया है. चुनाव परिणाम आने के बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री गैब्रियल अट्टल ने इस्तीफे की पेशकश की है. उन्होंने कहा, जब तक कोई नया प्रधानमंत्री नहीं बन जाता, तब तक वह प्रधानमंत्री बने रहेंगे. गैब्रियल अट्टल ने कहा कि हमारे पास बहुमत नहीं है, इसलिए मैं अपना इस्तीफा गणराज्य के राष्ट्रपति को सौंप दूंगा. वहीं, नतीजों के बाद हिंसा भड़क गई.  दक्षिणपंथी नेशनल रैली के लोग सड़क पर आ गए और प्रदर्शन करने लगे. पुलिस को पेरिस में आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.

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