नई दिल्ली। मोबाइल सेवाओं की दरों में हालिया वृद्धि पर कांग्रेस के दावों को सरकार ने भ्रामक बताकर खारिज कर दिया है। सरकार ने कहा कि भारत का मोबाइल सेवा बाजार मांग और आपूर्ति की ताकतों से संचालित होता है, जिसमें तीन निजी दूरसंचार कंपनियां और एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी शामिल हैं।
पटौदी इंटरप्राइजेज एवं अलगोजा रिसोर्ट - बूंदी
पटौदी इंटरप्राइजेज एवं अलगोजा रिसोर्ट कीऔर से बूंदी वासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
भारत में मोबाइल शुल्क सबसे कम
सरकार मुक्त बाजार के फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करती
मंत्रालय ने कहा, ''दूरसंचार सेवाओं की दरें बाजार की ताकतों द्वारा तय की जाती हैं, जो स्वतंत्र नियामक यानी ट्राई द्वारा अधिसूचित नियामक ढांचे के भीतर होती हैं। सरकार मुक्त बाजार के फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करती।''
5जी सेवाओं को शुरू करने में भारी निवेश
बयान में आगे कहा गया है कि दूरसंचार कंपनियों ने दो वर्ष से अधिक समय के बाद मोबाइल सेवाओं की दरों में वृद्धि की है। इस दौरान कुछ दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने देशभर में 5जी सेवाओं को शुरू करने में भारी निवेश किया है। जिससे औसत मोबाइल स्पीड में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह 100 एमबीपीएस तक पहुंच गई है।
साथ ही कहा कि देश के ग्राहकों को दुनियाभर में सबसे कम दरों पर मोबाइल सेवाएं प्राप्त होती हैं। केंद्रीय संचार मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि पिछले दो दशकों में मोबाइल सेवाओं की दरों को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने संयमित रखा था और सरकार की नीतियों व नियामक की ओर से अधिसूचित नियामक ढांचे के परिणामस्वरूप भारत मोबाइल सेवा ग्राहकों के लिए सबसे कम दरों वाले देशों में से एक है।