शहर के प्रेमनगर-3 क्षेत्र से करीब 50 दिन पहले लापता 16 वर्षीय नाबालिग बालिका को मानव तस्करी विरोधी युनिट द्वारा दिल्ली के शालीमार बाग क्षेत्र से रेस्क्यू करने में सफलता हासिल की है।

शहर पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि 15 मई को बिहार के दरभंगा हाल प्रेमनगर तृतीय निवासी फरियादी ने थाना उद्योगनगर पर रिपोर्ट दी थी कि 4 दिन पहले उसकी 16 वर्षीय नाबालिग बालिका घर से बिना बताये कही चली गई। इस पर थाना उद्योगनगर पर धारा 363 भादसं में प्रकरण दर्ज कर तलाश प्रारम्भ की गई।

मामले की गम्भीरता को देखते हुए नाबालिग की तलाश के लिये अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महिला अपराध एवं अनुसंधान सैल नियती शर्मा के निर्देशन में प्रभारी मानव तस्करी विरोधी युनिट शिमला देवी गुर्जर के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।

काफी प्रयासो के बाद भी कोई जानकारी प्राप्त नही होने पर बालिका की दस्तयाबी पर 2 हजार रूपये के ईनाम की भी घोषणा की गई थी। गठित टीम द्वारा प्रेम नगर से कोटा जंक्शन तक के सीसीटीवी फुटेज चैक किये तो बालिका के ट्रेन से दिल्ली जाना पाया गया। दिल्ली में मुखबीरो से काफी जानकारी एकत्रित की गई, लेकिन कोई स्पष्ट जानकारी प्राप्त नही हुई।

संदिग्धो के मोबाईल नम्बरो की कॉल डिटेल व सोशल मीडिया अकाउन्ट से भी बालिका व संदिग्धो की जानकारी प्राप्त की गई। परन्तु काफी प्रयास के उपरान्त भी बालिका एवं संदिग्धो के सम्बन्ध में कोई जानकारी नही मिलने पर विषेष टीम दिल्ली एवं बिहार स्थित दरभंगा में सम्भावित स्थानो पर लगातार मुखबीरो के मार्फत निगरानी करवाई गई।

इसमें बालिका के दिल्ली में होने की पुख्ता जानकारी प्राप्त होने पर मानव तस्करी विरोधी युनिट की विशेष टीम द्वारा दिल्ली में सम्भावित स्थानो पर लगातार तलाश कर शालीमार बाग क्षेत्र से बालिका को दस्तयाब किया गया। जिसको आज कोटा लेकर आये एंव अनुसंधान हेतु थाना उद्योगनगर को सुपुर्द किया गया। बालिका से प्रकरण हाजा में अनुसंधान किया जा रहा है।

50 दिन से गुम 16 वर्षीय नाबालिग बालिका को दिल्ली से दस्तयाब कर परिजनों की खोई हुई मुस्कान लौटाने वाली मानव तस्करी विरोधी युनिट टीम में प्रभारी शिमला देवी गुर्जर उप निरीक्षक, हैड कांस्टेबल ओमदत्त शर्मा हैडकानि 272 मानव तस्करी विरोधी, श्योजी राम व कांस्टेबल दिनेश शामिल थे। कांस्टेबल दिनेश की इसमें विशेष भूमिका रही है।