बोटॉक्स का नाम आजकल आपने सोशल मीडिया पर काफी सुना होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि असल में Botox एक प्रकार का टॉक्सिन है। यह कैसे काम करता है इसके क्या साइड इफेक्ट्स (Side Effects of Botox) हैं और इसका किन-किन परेशानियों को दूर करने के लिए इस्तेमाल (Uses of Botox) किया जाता है। आइए डॉक्टर से जानते हैं इसके बारे में सबकुछ।

बोटॉक्स का नाम आपने कई बार स्किन एस्थेटिक्स के लिए सुना होगा और इससे आप अंदाजा लगा चुके होंगे कि लोग इसका इस्तेमाल एजिंग के लक्षण, जैसे झुर्रियां, फाइन लाइन्स आदि को कम करने के लिए करवाते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि बोटॉक्स का इस्तेमाल और भी कई परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता है।

हालांकि, इससे पहले यह जानना जरूरी है कि बोटॉक्स (What is Botox) होता क्या है और यह काम कैसे करता है। इसलिए इस बारे में जानकारी हासिल करने के लिए हमने डॉ. राधिका रहेजा ( रेडिकल स्किन एंड हेयर क्लीनिक, फरीदाबाद के डर्माटोलॉजिस्ट और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन) से बात की। आइए जानते हैं इस बारे में उन्होंने क्या बताया।

क्या है बोटॉक्स?

डॉ. रहेजा ने बताया कि Botox एक प्रकार का न्यूरोटॉक्सिन है, जो बैक्टीरियम क्लोस्ट्रीडियम से बनता है। यह मांसपेशियों को पैरालाइस कर देता है। दरअसल, मांसपेशियों को एक्ट करने के लिए दिमाग कुछ संदेश भेजता है, जिसे न्यूरॉन्स मसल्स तक पहुंचाते हैं। लेकिन बोटॉक्स इन्हीं न्यूरोमस्कुलर जंक्शन को बंद कर देता है, जिसके कारण मांसपेशियों को संदेश नहीं मिल पाता कि कैसे रिएक्ट करना है और इसलिए मांसपेशियां पैरालाइस हो जाती हैं।

लेकिन इसके साथ अच्छी बात यह है कि यह स्थायी नहीं होता। यानी इसका प्रभाव लगभग 4 महीने तक ही रहता है, उसके बाद मांसपेशियां फिर से काम करने लगती हैं। इसलिए अगर बोटॉक्स करवाते समय कोई गलती हो जाए, तो उसका प्रभाव जीवनभर नहीं रहता और 4 महीने बाद ठीक हो जाता है। इसी कारण से जो लोग बोटॉक्स करवाते हैं, उन्हें 6 महीने बाद फिर से बोटॉक्स लेना पड़ता है, नहीं तो उसका असर खत्म हो जाता है और स्किन फिर से पहले जैसी नजर आने लगती है।

क्या है गलत बोटॉक्स का इलाज?

हालांकि, अगर आपके किसी मसल में बोटॉक्स लग गया है, तो उसे तुरंत ठीक नहीं किया जा सकता है। बोटॉक्स एक टॉक्सिन होता है, जिसकी वजह से यह मांसपेशियों को तभी पैरालाइस कर देता है और इसका कोई एंटीडॉट नहीं है। यह 4 महीने बाद खुद ही ठीक हो जाएगा, क्योंकि तब तक इस टॉक्सिन का प्रभाव खत्म होने लगता है। इसलिए अगर आपके साथ बोटॉक्स करवाते समय कोई गलती हो गई है, तो 3-4 महीने तक सब्र करने के अलावा आपके पास और कोई विकल्प नहीं है।

किन-किन चीजों के लिए बोटॉक्स का इस्तेमाल होता है?

  • एजिंग- बोटॉक्स का सबसे ज्यादा इस्तेमाल एजिंग से जुड़े लक्षणों को कम करने में किया जाता है। चेहरे के हिस्से, जैसे माथा, आंखों के आस-पास और भौंहों के बीच की फाइन लाइन्स को स्मूद करने के लिए बोटॉक्स लिया जाता है। यह अस्थायी रूप से झुर्रियों को दूर करता है।
  • क्रॉनिक माइग्रेन- इसके अलावा, इसका इस्तेमाल कुछ मेडिकल कंडिशन्स में भी किया जाता है। क्रॉनिक माइग्रेन से आराम दिलाने में भी बोटॉक्स मदद करता है। दरअसल, यह सिर और गर्दन के कुछ मांसपेशियों को न्यूरोरिसेप्टर्स को फ्रीज कर देता है, जिसके कारण दर्द महसूस नहीं होता।
  • बहुत पसीना आना- कुछ लोगों को बहुत अधिक पसीना आता है। इसे हाइपरहाइड्रोसिस कहा जाता है। इसमें हाथ-पैरों और अंडरआर्म्स में बहुत पसीना आता है। इससे राहत दिलाने में भी बोटॉक्स मदद करता है।
  • ओवरएक्टिव ब्लैडर- ओवरएक्टिव ब्लैडर यानी बहुत ज्यादा या बार-बार यूरिनेट करना। इस समस्या से राहत दिलाने के लिए बोटॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है।
  • गर्दन या कंधे का दर्द- शरीर के इन हिस्सों में अगर लंबे समय से दर्द है, तो बोटॉक्स की मदद से इससे आराम मिल सकता है।
  • मांसपेशियों की अकड़न- मांसपेशियों में अकड़न या ऐंठन को दूर करने के लिए भी बोटॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है।

    बोटॉक्स के साइड इफेक्ट्स

    अगर किसी प्रोफेशनल से करावाया जाए, तो बोटॉक्स आमतौर पर बिल्कुल सुरक्षित होता है और इससे कोई नुकसान नहीं होता। हालांकि, कुछ मामलों में इसके सामान्य साइड इफेक्ट्स में इंजेक्शन की जगह हल्का दर्द, ब्रूजिंग और थकान महसूस हो सकती है। इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स काफी कम मामलों में ही होते हैं, अगर सभी गाइडलाइन्स को अच्छे से फॉलो किया जाए।