लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राजस्थान की सियासत में काफी उथल-पुथल मची हुई है. खास तौर पर 11 सीटें हारने वाली बीजेपी के भीतर खलबली ज्यादा नजर आ रही है. मेवाड़ की सीटों पर बड़ी जीत और हाड़ौती की सीटों पर कड़ी टक्कर के बावजूद पार्टी सीटें जीत पाने में कायमाब रही. लेकिन पूर्वी राजस्थान हो या मारवाड़ या फिर शेखावाटी, इन इलाकों में बीजेपी के लिए मुश्किलें काफी बढ़ चुकी है. भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे बड़ी परेशानी की बात तो यह है कि सीएम भजनलाल शर्मा के गृह जिले भरतपुर को ही नहीं बचा पाई. दरअसल, राजस्थान में बीजेपी सरकार के गठन को अभी छह महीने हुए है और इसी बीच लोकसभा चुनाव की वजह से आचार संहिता लग गई. लेकिन अब बताया जा रहा है कि सीएम भजनलाल सरकार प्रदेश के विकास का रोडमैप तैयार करने में लगी हुई है. जिसमें भरतपुर में विकास के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है.   वहीं, बीजेपी के बीच अंतर्कलह भी बाहर आने लगी है. क्योंकि एक तरफ तो देवी सिंह भाटी ने दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ पर निशाना साधा तो दूसरी तरफ भरतपुर से लोकसभा प्रत्याशी रामस्वरूप कोली ने भी हार के बाद हार का पूरा ठीकरा बीजेपी संगठन और विधायकों पर फोड़ दिया. वहीं, जल संसाधन मंत्री और भरतपुर के जिला प्रभारी मंत्री सुरेश सिंह रावत के बयान की भी काफी चर्चा हो रही है. शिक्षामंत्री मदन दिलावर के आदिवासियों के डीएनए टेस्ट कराने वाले बयान को लेकर मंत्री सुरेश रावत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस बयान की जानकारी नहीं है.