राजस्थान के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के बाद अब नेताओं का आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने वसुंधरा राजे समर्थक और सात बार विधायक रहे देवी सिंह भाटी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो ताजा पार्टी में आए हैं. उनका एकाएक ज्ञान बढ़ गया. भाजपा ने कस्वां परिवार को 14 बार लोस, विस, जिला प्रमुख और प्रधान का टिकट दिया. इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे उस राहुल गांधी की गोद में जाकर बैठ गए जिसे वे खुद राहुल बाबा बोलते थे. बता दें पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता देवी सिंह भाटी ने चूरू से राहुल कस्वां के टिकट कटवाने को लेकर राजेंद्र राठौड़ को घेरा था. उन्होंने कहा था कि जिस प्रकार से राजस्थान में टिकट कटवाया गया था यह गलत है. सबसे घातक चूरू सीट से राहुल कस्वां का टिकट कटवाना साबित हुआ. साथ ही उन्होंने कहा था कि राहुल कस्वां के काम और जनसंपर्क को सराहा था. लेकिन कस्वां का टिकट काटने से राजस्थान के जाट एकजुट नहीं रहे. उल्लेखनीय है कि देवी सिंह भाटी को राजस्थान से भाजपा के पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थन में माना जाता है. मारवाड़ से भाजपा के दिग्गज नेता देवी सिंह भाटी के आरोपों पर राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार किया है. दरअसल, भाजपा के दिग्गज नेता देवी सिंह भाटी ने लोकसभा चुनाव में हार का ठीकरा सीधे-सीधे भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ के माथे फोड़ा था. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि राजस्थान में राजेंद्र राठौड़ के कारण लोकसभा चुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने चुनाव का पूरा वातावरण खराब कर दिया. पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार करते हुए कहा कि टिकट देना, या नहीं देना संसदीय बोर्ड तय करता है. चाहे राहुल कस्वां हो या फिर कोई और हो. कस्वां इतने बड़े नेता नहीं है कि उनका टिकट काटने से बीजेपी को लोकसभा की 5 सीटों से हारना पड़े. बता दें कि राठौड़ वसुंधरा राजे कैम्प के प्रमुख नेता माने जाते थे, लेकिन विधानसभा चुनाव में सीएम फेस को लेकर राजेंद्र सिंह राठौड़ ने यह कहकर विरोध किया कि पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा. तब से राजेंद्र सिंह राठौड़ वसुंधरा राजे के समर्थक माने जाने वाले नेताओं के निशाने पर हैं. देवी सिंह भाटी ने लोकसभा चुनाव में हार के लिए राजेंद्र राठौड़ को ही जिम्मेदार ठहराया है.