राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने बुधवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी को सदन में विपक्ष का नेता चुने जाने पर हार्दिक बधाई दी. साथ ही राजस्थान में बीजेपी की नई सरकार पर निशाना साधते हुए आगामी महीनों में होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस की रणनीति का खुलासा किया. पायलट ने कहा, 'राहुल गांधी को सदन में लीडर ऑफ अपोजिशन चुने जाने से कांग्रेस ही नहीं, बल्कि पूरा विपक्ष ऊर्जा से भर गया है. राहुल गांधी ने इस सरकार को हमेशा चुनौती दी और पारदर्शिता के लिए संघर्ष किया. सड़क से लेकर संसद तक राहुल गांधी ने लोगों की आवाज बनने का काम किया है. उनके नेता प्रतिपक्ष बनने से विपक्ष की उम्मीदें बढ़ी हैं. उन करोड़ों लोगों के अंदर विश्वास पैदा हुआ है, जिन्होंने लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए इंडिया अलायंस को वोट दिया था. अब सभी की उम्मीद बंधी है कि सदन के अंदर राहुल गांधी मजबूती से सच की लड़ाई लड़ने का काम करेंगे. राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष बनने से न सिर्फ कांग्रेस के ताकत मिली है, बल्कि उस सोच को भी ताकत मिली है जिससे अमन, चैन, प्यार, भाईचारा और संविधान को सुरक्षित रखने का काम करती है.' लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव पर बोलते हुए सचिन पायलट ने आगे कहा, 'इस मामले में सरकार का रवैया ठीक नहीं था. अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है कि आगे क्या होगा. मगर, परंपरा यह होता है कि अगर स्पीकर बिना चुनाव के चुना जाता है तो डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिया जाता है. यूपीए की सरकार थी तब डिप्टी स्पीकर हमेशा विपक्ष के पास था. ये सरकार गठबंधन की सरकार है. किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. भाजपा जब चुनाव में गई थी तब उनके 303 सांसद थे. आज उनके सिर्फ 240 सांसद हैं. लगभग 65 सांसद बीजेपी के कम हुए हैं. कांग्रेस के पहले 54 सांसद थे, आज 102 सांसद हैं. हमारा संख्याबल दोगुना हुआ है. एनडीए ने सरकार तो बना ली है, लेकिन भविष्य में क्या होगा ये कोई नहीं जानता. दो बड़े सहयोगियों के सहयोग से सरकार बनी है. आगे क्या स्थिति बनेगी, ये कह पाना मुश्किल है. मैं बस यही उम्मीद कर रहा हूं कि लोकसभा के स्पीकर निष्पक्षता से काम करेंगे और प्रत्येक दल के प्रत्येक सदस्य को बराबरी का मौका देंगे.'