जनपद आजमगढ़ में,युवती को मिली दर्दनाक मौंत घर से बगावत के बाद।मालूम होकि जनपद आजमगढ़ में, प्रेमी के प्यार में, पागल युवती ने घर वालों से बगावत कर पास के ही मंदिर में जाकर शादी कर लिया। शादी के बाद दोनों अपनी मर्जी से महाराष्ट्र के पुणे जनपद में,जाकर रहने लगे। इस दौरान उसके साथ घटी घटना ने लड़की को ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया कि उसका कोई भी ससुराल का व्यक्ति उसके साथ नहीं खड़ा हुआ। जिस प्रेमी के लिए, माता-पिता की इज्जत को ठोकर मारकर युवती ने घर की दहलीज को लांघा था। वह प्रेमी युवती मौत को मुंह में, धकेल कर फरार हो गया। अन्ततः परिजन ही उसके लिए, खड़े हुए। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। और उस युवती को काल ने अपनी चपेट में, ले लिया। मामला महाराजगंज थाना क्षेत्र के चौरासी गांव का है। बताते चलें कि महाराजगंज थाना क्षेत्र के चौरासी गांव में, हालत बिगड़ने पर एक युवती को पहले एक स्थानीय नर्सिंग होम में, भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान रविवार की उसकी मौत हो गयी। पुलिस ने शव को कब्जे में, लेकर सोमवार को उसका पोस्टमार्टम कराया। मृत युवती कुसुम राजभर उम्र 23 वर्ष थी। परिजनों के अनुसार कुसुम ने 2022 में गांव के ही अवधेश राजभर के साथ पास के ही मंदिर में जाकर शादी कर लिया। इसके बाद दोनों अपनी मर्जी से महाराष्ट्र के पुणे जनपद में, रहने लगे। परिजनों ने बताया कि युवक ने कुसुम को बिना बताये गर्भ न ठहरने के लिए। कोई दवा खिला दिया,जिससे उसको ब्लीडिंग होने लगी। हालत में सुधार न होने पर अवधेश ने कुसुम को अपनी बहन के यहां आजमगढ़ छोड़ दिया। कुसुम की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो अवधेश की बहन ने कुसुम को उसकी ससुराल में भेज दिया लेकिन कुसुम को उसके ससुराल वालों ने अपने यहां रखने से मना कर दिया। इसके बाद कुसुम ने थाना पर इसकी शिकायत की। पुलिस ने मामले में कार्रवाई न कर कह दिया कि कुसुम अपने घर यानी मायका रहेगी अवधेश अपने घर रहेगा। इसके बाद कुसुम अपने मायका रहने लगी हालांकि उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और ब्लीडिंग रह-रहकर होती रही, जिससे उसको खून की कमी हो गई, इसके बाद मायका पक्ष ने उसको स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया, जब उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ तो उसको जिला अस्पताल रेफर किया गया। इस दौरान कुसुम के ससुराल से कोई भी उसकी हाल-चाल लेने नहीं आया, इतना ही नहीं जिसके लिए उसने अपने मां-बाप की इज्जत को ठोकर मार घर छोड़ा था उसका पति अवधेश ने भी उसकी तबीयत के बारे में जानने की कोशिश नहीं की। अन्ततः कुसुम ने जिला अस्पताल में इलाज के दौरान रविवार 23 जून को दम तोड़ दिया। लड़की को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रही समाजवसेवी जयंती राजभर ने बताया कि जीते जी उस लड़की को न्याय नहीं मिल सका, हम पुलिस प्रशासन से यही मांग करते हैं कि लड़की की मौत के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कड़ी से कड़ी सजा दी जाय।