18वीं लोकसभा के शुरुआती सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष पर फैसला हो सकता है। चर्चा है कि राहुल गांधी लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता होने के साथ ही नेता प्रतिपक्ष बन सकते हैं। कांग्रेस के भीतर से लगातार उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की मांग सामने आती रही है। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी इस पद के लिए अपना मन बना रहे हैं। अगले हफ्ते इस पर पार्टी अपना रुख साफ कर सकती है। पार्टी के एक सूत्र का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष को लेकर हम न तो किसी दबाव में हैं और न जल्दबाजी में। पहले सत्र से जुड़ी औपचारिकता होने दीजिए। दस साल बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हासिल होने जा रहा है। दरअसल, मोदी सरकार के पहले दो कार्यकाल में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के सदन में 10 फीसदी नंबर भी नहीं जुट पाए थे। लिहाजा उसे नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिला। इस बार कांग्रेस का संख्याबल 99 है, तो उसके खाते में यह पद आएगा। सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद भी लोकसभा में गांधी परिवार के दो सदस्य रहने की उम्मीद है। दरअसल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी राहुल द्वारा खाली की गई वायनाड सीट से उम्मीदवार होंगी। ऐसे में उनका आना तय माना जा रहा है। दूसरी ओर आने वाले दिनों में कांग्रेस संगठन के भीतर बड़े पैमाने पर बदलाव की बात कही जा रही है। चार राज्यों में चुनाव हैं। इसके अलावा कांग्रेस उन राज्यों में भी संगठन को मजबूत करने पर जोर देगी, जहां इस लोकसभा में उसका प्रदर्शन बेहतर रहा है। इस सूची में यूपी सबसे ऊपर है।