कोच्ची। केरल सरकार ने कोट्टायम जिले में सबरीमाला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए जारी की गई अधिसूचनाओं को वापस लेने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने केरल हाई कोर्ट को इस बारे में जानकारी दे दी है। सरकार ने कोर्ट को इस बारे में बताया कि अब इस परियोजना पर एक अलग से नया सामाजिक प्रभाव आकलन (SIA) कराई जाएगी।
राज्य सरकार ने कोर्ट में दी जानकारी
मालूम हो कि कोर्ट में एक धर्मार्थ ट्रस्ट और उसके प्रबंध ट्रस्टी की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई चल रही थी। इसी दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट में यह जानकारी दी। सरकारी की दलीलों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति विजू अब्राहम ने इस याचिका को बंद कर दिया। इससे पहले कोर्ट ने 25 अप्रैल को राज्य सरकार को सबरीमाला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रारंभिक अधिसूचना के संबंध में दो महीने तक कोई और कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ताओं ने क्या कहा है?
याचिकाकर्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाया है कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया का उद्देश्य उनकी संपत्ति को अवैध रूप से कब्जा करना है। अयाना चैरिटेबल ट्रस्ट और उसके प्रबंध न्यासी सिनी पुन्नूस के मुताबिक, सरकार 2,263 एकड़ में फैले रबर बागान को अपने कब्जे में लेना चाहती है।
भगवान अयप्पा को लेकर राज्य सरकार ने क्या कहा?
मालूम हो कि राज्य सरकार ने पहले कहा था कि सबरीमाला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा उन तीर्थयात्रियों के लिए वरदान साबित होगा, जो भगवान अयप्पा के दर्शन करने आते हैं। सरकार के मुताबिक, इस हवाई अड्डे के निर्माण से केरल के पथानामथिट्टा जिले में भगवान अयप्पा के पहाड़ी शीर्ष मंदिर तक पहुंचना आसान हो जाएगा। सरकार ने कहा था कि इस हवाई अड्डे के निर्माण से राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।