प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से 11 सीटों पर मिली हार पर मंथन करने के बाद राज्य की भाजपा सरकार प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस राज के बाद प्रदेश में भाजपा का राज तो आ गया, लेकिन कई जगह अभी तक पुराने अधिकारी ही जमे हुए थे। विधायकों ने इसे लेकर काफी पहले नाराजगी भी जाहिर की थी, अब सरकार ने इस पर काम करना शुरू किया है। सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनावों के दौरान विधायकों ने यह शिकायत की थी कि कांग्रेस सरकार के समय से लगे अधिकारियों ने उनकी सुनी नहीं और इसका असर चुनाव में दिख सकता है। परिणाम आया तो भाजपा 25 में से मात्र 14 सीटें ही जीत पाई। जयपुर में हार पर मंथन हुआ और दिल्ली ने भी हार की वजहों की खोजबीन शुरू की। एक कारण यह भी सामने आया कि अफसरों को लेकर सरकार ने जो निर्णय किए थे, उनसे विधायक और स्थानीय संगठन पूरी तरह से खुश नहीं था। सूत्रों के अनुसार सरकार फिलहाल बजट सत्र की तैयारियों में व्यस्त है। ऐसे में सचिव स्तर और उससे ऊपर के ज्यादातर अधिकारियों को तो बजट के बाद ही बदलेगी, लेकिन जिलों और संभाग मुख्यालयों पर तैनात आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की सूची बनाने का काम शुरू हो गया है। कांग्रेस राज के समय से लगे कलक्टर-एसपी, संभागीय आयुक्त, आईजी और इस सरकार में लगाए गए जो अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी परफॉर्म नहीं कर पाए। सरकार ने उनको बदलने का निर्णय किया है।

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