बीजों के बनाये सीड बम से होगा हरियाली का विस्फोट - डॉ. निधि प्रजापति

कोटा। सोसाइटी हैस ईव शी इंटरनेशनल चैरिटेबल ट्रस्टवीमेन वेलफेयर आर्गेनाईजेशन ऑफ वर्ल्ड और यूनि कल्चर ट्रस्ट ऑफ इंडिया संस्था के द्वारा जून विश्व पर्यावरण दिवस से प्रारम्भ किये गए 'तुम मुझे बीज दो में तुम्हें हरियाली दूँगाअभियान के तहत बीजों के सीड बम बनाये गए । इस मौके पर अध्यक्ष डॉ. निधि प्रजापति ने बताया कि  21वीं सदी में पिघलते ग्लेशियरतटीय शहरों के किनारों का बढ़ता जल स्तरजलते जंगलमवेशियों की मौतअसमय आंधीतूफानबाढ़नदियों में उफानअकाल, 50-55 डिग्री सेल्सियस को छूता सूर्य का तापमानओजोन परत का क्षरणअम्लीय वर्षाजलवायु परिवर्तनग्रीनहाउस के प्रभावग्लोबल वार्मिंगब्लैक होल इफ़ेक्ट और बेहाल मानव जीवन किसी से छुपा नहीं है । प्रतिमाह के औसत तापमान में बढ़ोतरी ने पृथ्वी पर जीवन को बहुत बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। 2024 का साल अभी तक की प्रकाशित सभी वैश्विक रिपोर्ट्स के अनुसार धरती का सबसे गर्म साल रहा है जिसके कारण यदि खोजे जाए तो स्वयं मनुष्य ही इसके गर्भ में निकलेगा। मनुष्य द्वारा किया गया अनियोजित तात्कालिक विकासअंधाधुंध तरीके से वनों और वृक्षों की कटाईअत्यधिक मात्रा में खनिज पदार्थो के लिए खननशहरीकरणऔद्योगिकीकरणऔद्योगिक अपशिष्टशहरी (अर्बन) क्षेत्र में अर्बन हीट आइलैंड- कॉन्क्रेट-काँच के बने जंगलऊँची-ऊँची इमारतेंसीसी और एस्फाल्ट की सड़कें विकास के नाम पर बनायेजिससे पृथ्वी के तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि हुई | संरक्षक नीतू मेहता भटनागर ने बताया कि तो इस परिस्थिति में सवाल उठता है कि पर्यावरण का संतुलन पुन: कैसे बनाया जाएकैसे इसे जीव जंतुओं और मनुष्य के रहने योग्य बनाया जाए और इन सबकी जिम्मेदारी किसकी होगीतो इसका उत्तर आता है हम इसीलिए आज अभियान के दौरान इकट्ठे किये गए 500 से अधिक आमनीमइमली, बादाम, बेलपत्र, पपीता, जामुनलीचीनींबूचीकूसंतरेमौसमी आदि के बीजों को मिट्टी में लपेटकर के सीड बम बनाये गए क्योंकि जिस तरह किसी भी जगह पर बम विस्फोट से विनाश होता है उसी तरह तैयार किये गए सीड बम हरियाली का विस्फोट करेंगे जो पर्यावरण और देशहित होगा। इन बीजों के बमों को जुलाई के बाद वन महोत्सव के दौरान कोटा के देवली अरब रोड स्थित स्मृति वन में डाल दिये जायेंगे ताकि कोटा के तापमान में भी गिरावट आये। इस दौरान उपस्थित प्रणाली गोयल, दृष्टि शर्मासीमा चौहानहर्ष शर्माजयेश शर्मारेखावैभव मंधार, कृष्णा आदि बच्चों और उनके अभिभावकों का सहयोग रहा साथ ही उन्हें बीजों के रोपने की प्रणाली और सही समय भी बताया गया |