प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून को कश्मीर में रहेंगे। वो डल झील के किनारे होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। पीएम मोदी का ये दौरा ऐसे समय होने जा रहा है, जब घाटी में कई आतंकी हमले हुए। पीएम मोदी के जम्मू-कश्मीर दौरे के कई मायने हैं। 9 जून को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद यह मोदी की कश्मीर की पहली यात्रा होगी। अधिकारियों ने इस यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी हैं और फिलहाल कार्यक्रम का आयोजन डल झील के किनारे स्थित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र के लॉन में किया जाना तय है। एक अधिकारी ने बताया, प्रधानमंत्री 20 जून को श्रीनगर आने वाले हैं ताकि 21 जून की सुबह योग दिवस कार्यक्रम में भाग ले सकें। इस कार्यक्रम में सैकड़ों प्रतिभागियों के रहने की उम्मीद है। योग दिवस की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। कार्यक्रम स्थल को सैनिटाइज किया जाएगा और एसपीजी की एक टीम इस हफ्ते के आखिर में श्रीनगर पहुंचेगी। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था को निर्देश दिया है कि कार्यक्रम को सुरक्षित तरीके से आयोजित किया जाए। जम्मू-कश्मीर खेल परिषद को निर्देश दिया गया है कि वे कार्यक्रम के लिए एथलीटों और खिलाड़ियों को लाएं। 21 जून को योग दिवस पर प्रधानमंत्री का कश्मीर दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरे के जरिए मोदी जम्मू-कश्मीर के लोगों को एक संदेश देना चाह रहे हैं कि घाटी मोदी राज में सुरक्षित है। पीएम कार्यक्रम में हिस्सा लेकर ये संदेश देंगे कि कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौंबद है। वहीं आतंकियों को भी कड़ा संदेश मिलेगा कि भारत आतंकी साजिशों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। मोदी का ये दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब पिछले कुछ दिनों में जम्मू के इलाकों में कई आतंकी हमले हुए। यहां गौर करने वाली बात ये है कि आतंकी अब जम्मू के इलाकों में एक्टिव दिख रहे हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि आतंकियों की बौखलाहट है क्योंकि वे कश्मीर में कोई हरकत नहीं कर पा रहे हैं।