केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने प्रवर्तन निदेशालय का बचाव करते हुए विपक्ष के इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया कि इसे एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. अपनी अमेरिकी यात्रा पर मीडिया ब्रीफिंग में उन्होंने कहा, 'प्रवर्तन निदेशालय (ED) जो करता है उसमें वह पूरी तरह से स्वतंत्र है. यह एक ऐसी एजेंसी है जो विधेय अपराधों का पालन करती है.' प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग (Income Tax) के कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों के साथ-साथ सिविल सोसाइटी के खिलाफ इस्तेमाल से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, 'अपराध की पहले-पहल सूचना पर सीबीआई या अन्य एजेंसी ही कदम उठाती है. फिर कुछ हाथ लगने पर प्रवर्तन निदेशालय आगे की जांच करता हैं. ईडी अपनी तरफ से पहले कोई कदम नहीं उठाती. ऐसे एक नहीं बल्कि कई उदाहरण हैं, जहां प्रथम दृष्टया साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्यवाही की गई यह साक्ष्य जब्त किए गए धन, सोना और आभूषण होते हैं.'

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जी20 की चुनौतियों पर भी की चर्चा

निर्मला सीतारमण ने भू-राजनीतिक तनाव की वजह से जी20 के समक्ष पैदा हुईं चुनौतियों पर भी बात की. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में बताया कि भारत इस माहौल से निपटने की कैसी योजना बना रहा है. उन्होंने कहा, 'हमने कई जी20 सदस्य देशों के साथ चर्चा की और बैठकों के दौरान आने वाले पूरे वर्ष को लेकर चिंता व्यक्त की. मसलन इंडोनेशिया बहुत कठिन दौर से गुजरा है. जिस पर इस बैठक में भी चर्चा हुई.' भारत के जी20 अध्यक्षता पर उन्होंने कहा, 'हम ऐसे समय में जी20 की अध्यक्षता कर रहे हैं, जब सामने ढेरों चुनौतियां विद्यमान हैं. हमें इनसे निपटने के लिए सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करना होगा.' गौरतलब है कि अपने अमनेरिकी दौरे के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 24 बैठकों में भाग लिया.