आंध्रप्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने मुख्यमंत्री और जन सेना पार्टी प्रमुख पवन कल्याण ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस कार्यक्रम में बीजेपी ही नहीं बल्कि पूरे एनडीए के प्रमुख नेता मौजूद रहे। हालांकि, इस कार्यक्रम से एनडीए सरकार में नायडू के साथ किंगमेकर की भूमिका निभा रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूरी बनाए रखी। इसे लेकर सियासी हल्कों में जबर्दस्त चर्चाएं हैं। नायडू के शपथ ग्रहण कार्यक्रम से नीतीश कुमार की गैर-मौजूदरी को लेकर बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी आजेडी ने सवाल खड़े किए है। आरजेडी ने सवाल उठाते हुए कहा कि नीतीश कुमार नाराज चल रहे हैं और एनडीए में फूट पड़ चुकी है। वहीं इस पर पलटवार करते हुए जेडीयू ने कहा कि नहीं जाने के कई कारण हो सकते हैं। इसका गलत मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है, “जब नीतीश कुमार के मन मुताबिक काम नहीं होता तो वो मौन धारण कर लेते हैं. किसी न किसी तरीके से वो इस बात का संकेत देते हैं। याद करिए जब पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो हुआ था तो नीतीश कुमार के हाथ में कमल छापथमा दिया गया था। इसके बाद नीतीश प्रधानमंत्री के नामांकन समारोह में नहीं पहुंचे थे।