आज के समय में हर दूसरे शख्स तक इंटरनेट की पहुंच है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक स्मार्टफोन में इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में इंटरनेट का सावधानी से इस्तेमाल करने की जिम्मेदारी बन जाती है। क्या हो अगर आपके फोन पर यूट्यूब ओपन करने के साथ ही कुछ ऐसा दिख जाए जो आपके लिए शर्मिंदगी की वजह बन जाए।
पटौदी इंटरप्राइजेज एवं अलगोजा रिसोर्ट - बूंदी
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आज के समय में हर दूसरे शख्स तक इंटरनेट की पहुंच है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक स्मार्टफोन में इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ऐसे में इंटरनेट का सावधानी से इस्तेमाल करने की जिम्मेदारी बन जाती है। क्या हो अगर आपके फोन पर यूट्यूब ओपन करने के साथ ही कुछ ऐसा दिख जाए जो आपके लिए शर्मिंदगी की वजह बन जाए।
मैच्योर कंटेंट का क्यों मिलता है सजेशन
दरअसल, यहां आपको समझने की जरूरत है कि यूट्यूब पर अगर एक बार के लिए भी मैच्योर कंटेंट देखा जाता है तो प्लेटफॉर्म पर आपको इसी तरह का कंटेंट सजेस्ट किया जाएगा।
ऐसा यूट्यूब हिस्ट्री की वजह से होता है। यूट्यूब का कहना है कि हर यूजर की कंटेंट को लेकर अलग जरूरत और पसंद हो सकती है, ऐसे में यूजर को पर्सनलाइज्ड एक्सपीरियंस देने के लिए यूजर की सर्च और वॉच हिस्ट्री मायने रखती है।
हालांकि, यह जरूरी है कि आप इस मैच्योर कंटेंट की वजह से पब्लिक प्लेस में या किसी दोस्त-रिश्तेदार या अपनों के सामने शर्मिंदा न हो।
यूजर की इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए यूट्यूब पर रिस्ट्रिक्टेड मोड (YouTube Restricted Mode) की सुविधा मिलती है।
यूट्यूब रिस्ट्रिक्टेड मोड क्या है?
यूट्यूब रिस्ट्रिक्टेड मोड के साथ यूट्यूब यूजर को एक सेफ एनवायरमेंट मिलता है। यह मोड ऑन हो तो बच्चे भी फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस मोड के साथ मैच्योर कंटेंट को लेकर कुछ पाबंदियां लग जाती हैं। इस मोड के साथ हानिकारक या आपत्तिजनक यूट्यूब वीडियो सर्च में नजर नहीं आते। इसी के साथ वीडियो फीड और वेबसाइट में कहीं भी दूसरी जगह मैच्योर कंटेंट नजर नहीं आता।