बूंदी। प्राइवेट स्कूल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आरटीई की विसंगतियों के विरोध में जिला शिक्षा अधिकारी, जिला कलेक्टर, मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। जिसमें जिले के सभी तहसीलों से प्रतिनिधि शामिल हुए। जिला शिक्षा अधिकारी से वार्ता में संगठन के पदाधिकारी ने अनेक समस्याओं पर चर्चा की, जिसमें प्राइवेट स्कूल व सरकारी स्कूलों में सरकारी योजनाओं का लाभ सम्मान रूप से दिए जाने की मांग की। इसमें प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को साइकिल वितरण, लैपटॉप अन्य योजना में शामिल करने, प्राइवेट स्कूल को भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र, अग्नि शमन प्रमाण पत्र के नाम पर अत्यधिक आर्थिक भार को वहन करना पड़ता है। इसलिए स्कूल संचालक द्वारा सो रुपए के शपथ पत्र पर नोटरी से प्रमाणित को स्वीकार किया जाए। इसपर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सहमति प्रदान की गई आरटीई के तहत दो सत्र 2022-23 वह 2023 24 दोनों ही सत्रों की चार किस्तों का भुगतान  राज्य सरकार द्वारा अब तक भी नहीं किया गया। इसके लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है ताकि विभाग द्वारा स्वीकृति आदेश निकाल दिए जाने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है। इसपर जिले के प्राइवेट स्कूल संचालको ने निर्णय लिया कि आगामी 1 जुलाई से कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को अध्यापन नहीं करवाया जा सकेगा। नर्सरी केजी1 केजी 2 के बच्चों जिनका भुगतान सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है ऐसे बच्चों की फीस अभिभावक को जमा करवाना होगा। यदि अभिभावक फीस जमा नहीं करवाता है तो उसे बच्चों को फीस के अभाव में स्कूल द्वारा पढ़ाया जाना संभव नहीं होगा। प्रदर्शन में जिला मुख्यालय व सभी ब्लॉक के स्कूल संचालक शामिल रहे। इस दौरान जिलाध्यक्ष कविता जैन, हिम्मत सिंह गोड,लोकेश सुखवाल, विश्वनाथ भारद्वाज, महेश वर्मा, अशोक जायसवाल, पुरुषोत्तम मंगल, जावेद अहमद, हरीश तिवारी, रमेश कुमार वर्मा, राजेश पब्बी, कैलाश जांगिड़, दिनेश गोस्वामी, राजेश बाबू शर्मा, अब्दुल गफ्फार, युनुस मोहम्मद, सुरेंद्र गोस्वामी आदि संचालक व समस्त कार्यकारिणी, संरक्षक मंडल के सदस्य उपस्थित रहें।