2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी को एक तरह से झटका ही दिया है। हलांकि, पार्टी अपने सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाती तो दिख रही है, लेकिन इसमें भी एक रुकावट है। एनडीए के दो सहयोगी दल ऐसे हैं जो सरकार बनाने में किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। 290 सीटों के साथ बहुमत का आंकड़ा पार करने के बाद भी भाजपा टेंशन में है। ये दो सहयोगी दल में एक नीतीश कुमार की जेडीयू है तो वहीं अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में बंपर जीत दर्ज करने की ओर बढ़ रही टीडीपी है। टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू हैं। दोनों पार्टी के खाते में 15 और 16 सीटें आती दिख रही हैं। विपक्षी गठबंधन इंडिया भी इन्हीं दोनों को पार्टियों को लुभाकर एनडीए के तीसरी बार सरकार बनाने से रोकना चाहती है। बीजपी और उसके एनडीए को शायद ही इल्म रहा होगा कि 2024 के नतीजे ऐसे आएंगे। फाइनल नतीजे जारी होने के बाद अगर इनमें कोई बदलाव नहीं होता है तब तीसरी बार सत्ता की बाट जोह रही एनडीए को झटका लग सकता है। 296 सीटों से बहुमत तो बनता दिख रहा है, लेकिन इंडिया गठबंधन भी 229 सीटों के साथ बहुत दूर नहीं है। ऐसे में अभी यह भी हो सकता है कि बीजेपी सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार भी न बना पाए। मोदी का तीसरी बार सत्ता की बागडोर जेडीयू और टीडीपी छीन सकते हैं। दोनों पार्टियों ने हालांकि ऐसा कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन विपक्ष उनसे संपर्क बनाने की कोशिश कर रहा है। इंडिया गठबंधन के लिए सबसे आसान टार्गेट सीएम नीतीश हैं। हाल ही में इंडिया से पाला बदलकर एनडीए में आए नीतीश कुमार अग दोबारा विपक्ष की ओर झुकते हैं तो अतिशियोक्ति नहीं होगी। चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी ने भी चुनाव से ठीक पहले एनडीए में दोबारा वापसी की थी। बता दें दोनों को कुल 31 सीटें इस चुनाव में मिली हैं। तेलगू देशम पार्टी को अभी तक के आंकड़ों के अनुसार, 16 सीटें मिलती दिख रही हैं और जेडीयू को 15 सीटें मिलती दिख रही हैं। अगर ये दोनों पार्टियां विपक्ष के लुभावने ऑफर को अपनाकर एनडीए का साथ छोड़ती हैं हैं तो, दिक्कत हो सकती है। एनडीए को अभी तक 290 सीटें मिली हैं जिसमें बीजेपी को अकेले 241 सीटें आई हैं। जेडीयू की 15 और टीडीपी की 16 सीटें मिलाकर 31 होती हैं और 31 सीटें हटने के बाद, एनडीए बहुमत से भी दूर हो जाएगा। 31 सीट घटने के बाद एनडीए 296 से घटकर 265 तक चली जाएगी, ऐसे केस में सत्ता के लिए रस्साकसी का दौर शुरू हो जाएगा। जनता दल यूनाइटेड के मुखिया नीतीश कुमार के बारे में कहा जाता है कि नीतीश तो सबके हैं। जितनी बार उन्होंने पलटी मारी, शायद ही कोई उनके करीब भी होगा। विपक्ष उन्हें पीएम, डिप्टी पीएम या और कोई बड़ा पद का ऑफर देकर लालच दे सकता है। वहीं हाल ही में एनडीए से दोबारा जुड़े टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने भी छोड़ने के संकेत तो नहीं दिए हैं, लेकिन चर्चा है कि उनसे विपक्ष की तरफ से संपर्क साधा जा रहा है। हालांकि अभी कुछ भी आधिकारिक नहीं है, लेकिन ये दोनों पार्टियां एनडीए या इंडिया किसी के लिए किंगमेकर की भूमिका निभा सकती हैं।
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