किसी पक्षी के अंडों को देखकर भला मौसम का पूर्वानुमान कैसे लगाया जा सकता है, यह एक बड़ा सवाल है। लेकिन प्राचीन समय से ऐसा होता आया है और ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग इस पर भरोसा करते हैं। बात टिटहरी के अंडों की हो रही हैं। जिले के छोटीसादड़ी क्षेत्र में टिटहरी के चार अंडे एक साथ देखने को मिल गए हैं। जिनके तिखोना कोना जमीन में है। इससे किसान अनुमान लगा रहे हैं कि इस बार मानसून बेहतर बारिश होगी। यह धरती पर मामूली सा खोदकर अथवा थोड़े से कंकरों और बालू से घिरे गढ्डे में घोंसला बनाती हैं। यह उड़ती है पर पेड़ों पर नहीं बैठती है। टिटहरी का प्रजनन मार्च से अगस्त के दौरान होता है। ये सामान्यत: दो से पांच नाशपाती के आकार के पृष्ठभूमि से बिल्कुल मिलते-जुलते, पत्थर के रंग के हल्के पीले पर स्लेटी-भूरे, गहरे भूरे या बैंगनी रंग के अंडे देती हैं। इसे चमत्कारी अंडा इसलिए कहा जा रहा है कि जहां भी टिटहरी अंडा देती है। वह उस पृष्ठभूमि से पूरी तरह मिलता-जुलता होता है। छोटीसादड़ी निवासी किसान व पूर्व अध्यापक सुखदेव बैरागी ने अपने खेत पर एक गड्ढे पर नजर पड़ी जहां टिटहरी के चार अंडे है। उनका कहना है कि वे अपने पूर्वजों से सुनते आए हैं कि जब टिटहरी के अंडे दिखाई देते हैं तो बारिश अच्छी होती है और फसल भी बेहतर हो जाती है। एक नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से आगामी 48 घंटों के दौरान बीकानेर, जयपुर, भरतपुर और कोटा संभाग के कुछ भागों में आंशिक बादल छाए रहने और दोपहर बाद मेघगर्जन के साथ अचानक तेज हवाएं 40-50Kmph व हल्की- मध्यम बारिश होने की संभावना है। शेष अधिकांश भागों में आगामी दिनों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। इसके साथ ही आगामी 48 घंटे में अधिकांश भागों में 45 डिग्री सेल्सियस से नीचे रिकॉर्ड होने की संभावना है