सांचौर की हवाई पट्टी पर चल रही हनुमंत कथा के दूसरे दिन बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हनुमान भक्ति को जीवन में उतारने की बात कही। कथा का वाचन करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भगवान के प्यार में इस कदर खो जाओ की जीवन सफल हो जाए। उन्होंने मीरा भक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि गिरधर आवो तो खरी माधव के मंदिर में मीरा एकली खड़ी भजन प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया।

उन्होंने कहा कि मानव जीवन नश्वर है। जीवन में कितनी भी कठिनाई आए, भक्ति मार्ग को नहीं छोड़ना चाहिए। मीरा ने भगवान कृष्ण को प्राप्त करने के लिए बहुत कष्ट सहे, लेकिन भक्ति पर अडिग रही। धीरेन्द्र शास्त्री ने हनुमंत कथा का विस्तार करते हुए कहा कि हनुमान जैसा धीर, वीर और महाबली दुनिया में कोई नहीं हुआ। उनके जैसा समय प्रबंधन किसी के पास नहीं था। एक प्रसंग की चर्चा करते हुए उन्होंने आगे कहा कि जब लक्ष्मण को शक्ति लगी और सुषेण वैद्य ने सूर्योदय के पहले तक बूटी लाने पर ही लक्ष्मण के प्राण बचाने की बात कही। तब हनुमान ने कहा कि समय रहते यह कार्य पूर्ण हो जाएगा। हनुमान ने वैद्य के बताए स्थान पर जाकर सूर्योदय के पहले बूटी पहुंचाई थी।

उन्होंने कहा कि भक्ति के बिना इंसान का शरीर नश्वर है। लेकिन अगर भक्ति है तो मानव का वही शरीर शिव बन जाता है । उन्होंने कहा कि कथा सुनना काफी नहीं है। जो कथा सुन कर अपने जीवन में उतारे वही सच्चा श्रोता है। शास्त्री ने कहा कि राजथान वीरों की भूमि है। यहां मीरा ने जहर को भी अमृत समझ कर पी लिया। राजस्थान की तनोट माता की कृपा से पाक को लोहे के चने चबाने पर मजबूर होना पड़ा। शास्त्री ने राम व भरत की कथा को सुनाया। इस दौरान सांसद देवजी पटेल, विधायक जीवाराम चौधरी, पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई, पूर्व विधायक हिरालाल बिश्नोई, दानाराम चौधरी सहित कई जने मौजूद रहे।