राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने बची साइकिलों को बिना समारोह के वितरण करने के लिए शिक्षा मंत्री से गुहार लगाई थी. स्कूलों में खड़ी साइकिलें चोरी और खराब न हों. ऐसे में प्रदेश संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि सरकार ने संगठन की मांग पर गौर करते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी किए हैं. बची हुई करीब ढाई लाख साइकिलों को बिना समारोह ग्रीष्मावकाश से पूर्व ही वितरण कर दिया जाए. राजस्थान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री का आभार जताया. इस आदेश से राज्य की बेटियों को साइकिल समय पर उपलब्ध हो सकेगी. शिक्षकों को साइकिल की सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं करने पड़ेंगे.
शिक्षक संघ ने मांग की थी कि स्कूलों में साइकिलें इकट्ठी की गई थीं. कुछ ही साइकिलें वितरित की जा सकीं. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण अधिकांश का वितरण नहीं किया जा सका. साइकिलें विभिन्न जिलों के नोडल केंद्रों पर इकट्ठा की गई हैं. संबंधित स्कूलों में वितरण के लिए तैयार हैं. स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां भी 17 मई से शुरू होंगी. ये साइकिलें डेढ़ महीने तक स्कूलों में रहेंगी. इस दौरान चोरी की आशंका रहती है. स्कूल दूर दराज के इलाकों में हैं. डेढ़ महीने तक बंद रहते हैं, जिससे साइकिलों की सुरक्षा संदिग्ध रहेंगी.यदि राज्य सरकार आचार संहिता के बीच साइकिल वितरण के लिए विशेष अनुमति ले सकती है, तो लाभर्थियों को मदद मिलेगी. बालिकाओं के लिए साइकिल का वितरण पूर्व निर्धारित समय-सीमा से दो शैक्षणिक सत्र के बाद किया जा रहा है. शिक्षकों ने यह भी सुझाव दिया कि राज्य में मुफ्त साइकिल वितरण योजना के लिए ई-रुपया वाउचर पद्धति अपनाई जानी चाहिए. क्योंकि, तब लाभार्थी अपनी जरूरत के अनुसार इसे सीधे खरीद सकते हैं.