स्वीमिंग (Swimming) दुनियाभर में काफी पसंद किया जाने वाला वॉटर स्पोर्ट है जिसे कई लोग बड़े चाव से करते हैं। खेल होने के साथ-साथ यह एक एक्सरसाइज भी है जिसे अपनी रूटीन में शामिल करने से शारीरिक और मानसिक सेहत को फायदा मिलता है। अगर आप अभी तक स्वीमिंग (Swimming Benefits) से होने वाले फायदों से अनजान हैं तो आइए जानते है इसके कुछ फायदे-

सेहतमंद रहने के हेल्दी डाइट (Healthy Diet) के साथ-साथ शारीरिक गतिविधि भी बेहद जरूरी होती है। रोजाना फिजिकल एक्टिविटी (Physical Activity) करने से हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत बेहतर होती है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स भी लोगों को फिजिकली एक्टिव रहने की सलाह देते हैं। रोजाना एक्सरसाइज करने के विकल्प होते हैं, तैराकी यानी स्वीमिंग (Swimming) इन्हीं में से एक है। अपनी रूटीन में इसे शामिल करने से सेहत को ढेरों फायदे मिलते हैं। आइए जानते हैं स्वीमिंग से सेहत को मिलने वाले ऐसे ही कुछ फायदे-

जोड़ों का दर्द दूर करे

स्वीमिंग एक कम प्रभाव वाला व्यायाम है, जो आपके जोड़ों को तनाव से बचाता है, जिससे यह सभी उम्र और फिटनेस लेवल के लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन जाता है।

दिल के लिए फायदेमंद

यह एक एरोबिक एक्सरसाइज है, जो आपके दिल को पंप करता है। यह दिल की मांसपेशियों को मजबूत करता है, इसकी फंक्शनिंग में सुधार करता है और आपके पूरे शरीर में सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है। इस तरह नियमित स्वीमिंग करने से ब्लड प्रेशर को कम करने और हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने में मदद कर मिलती है।

डिप्रेशन से बचाए

शारीरिक सेहत के साथ ही तैराकी मानसिक सेहत को सुधारने में भी मदद करती है। यह डिप्रेशन के लक्षणों को कम कर मूड और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है।

वजन कम करें

स्वीमिंग कैलोरी बर्न करने में भी मदद करता है, जिससे यह वजन नियंत्रित करने का एक प्रभावी तरीका बन जाता है। अगर आप भी अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो स्वीमिंग एक बढ़िया एक्सरसाइज साबित होगी।

फेफड़ों को मजबूत बनाए

अगर आप अपने फेफड़ों को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो स्वीमिंग फिर से एक बढ़िया विकल्प साबित होगा। यह फेफड़ों की क्षमता और रेस्पिरेशन को बढ़ाता है। कंट्रोल ब्रीथिंग मांसपेशियों को मजबूत करती है, जो अस्थमा या अन्य रेस्पिरेटरी समस्याओं वाले लोगों के लिए अच्छा है।

कॉग्नेटिव फंक्शन सुधारे

नियमित तैराकी करने से कॉग्नेटिव फंक्शन में सुधार करने में मदद मिलती है। साथ ही और बढ़ती उम्र में डिमेंशिया के खतरे को कम मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकती है।