नई दिल्ली। विपक्ष की ओर से लगातार ईवीएम को छोड़ बैलेट से मतदान कराने का बयान दिया जा रहा है, लेकिन अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने ईवीएम के साथ ही रहने की बात कही है। हालांकि, वीवीपैट पर्ची से मिलान की बात कही है।

कांग्रेस घोषणापत्र

घोषणापत्र में कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वोटिंग के बाद निकलने वाली पर्ची वोटर के हाथ में आएगी और वह देखने के बाद उसे बाक्स में डालेगा। बाद में दोनों को मिलान किया जाएगा। मौजूदा समय में वीवीपैट से निकलने वाली पर्ची सात सेकेंड तक दिखती है। इसके बाद वह खुद ड्राप बाक्स में जमा हो जाती है। इसे दिखाने के पीछे चुनाव आयोग का मकसद है कि मतदाता संतुष्ट हो सकें कि उन्होंने जिसे वोट दिया है, उनका मत उसे ही मिला है, जबकि वन नेशन वन इलेक्शन को नकार दिया गया है।ध्यान रहे कि वर्तमान सरकार इस दिशा में आगे बढ़ चुकी है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में बनी समिति ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है। माना जा रहा है कि अगर मोदी सरकार की वापसी होती है तो इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ेंगे और संभव है कि 2029 से इसे अमली जामा पहनाया जाना लगेगा।