आर्थराइटिस की वजह से जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या हो सकती है। इस कारण चलने-फिरने और रोज के काम करने में काफी तकलीफ भी होती है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है यानि यह जीवनभर रहती है लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव और दवाइयों की मदद से इसे मैनेज किया जा सकता है। जानें किन तरीकों से अर्थराइटिस को मैनेज किया जा सकता है।
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
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एक्सरसाइज करें
जोड़ों में दर्द की वजह से हो सकता है कि आपका एक्सरसाइज करने का मन न करें, एक ही जगह बैठे रहने का मन हो, लेकिन यह आपके लिए काफी नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए रोज कम से कम 30-40 मिनट एक्सरसाइज करें। इससे आपके जोड़ों की सूजन कम होगी और दर्द से काफी आराम मिलेगा। आर्थराइटिस के मरीजों को योगा, वॉकिंग, जॉगिंग जैसी एक्सरसाइज काफी मददगार हो सकती हैं। इनसे उनके घुटनों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ेगा और ज्वॉइन्ट्स भी एक्टिव रहेंगे। साथ ही, हार्ट डिजीज, डायबिटीज आदि से बचाव भी होगा।
हेल्दी डाइट
आर्थराइटिस के मरीजों के लिए संतुलित आहार खाना बेहद जरूरी होता है। उन्हें अपनी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, ओमेगा-6 फैटी एसिड, प्रोटीन, विटामिन-डी, एंटी-ऑक्सीडेंट्स और कैल्शियम से भरपूर फूड आइटम्स को शामिल करना चाहिए। साथ ही, सूजन कम करने के लिए एंटी इंफ्लेमेटरी फूड्स को डाइट में शामिल करें। इसलिए रंग-बिरंगी सब्जियां, फल, साल्म, टूना, सार्डिन, साबुत अनाज, ब्राउन राइस आदि को डाइट में शामिल करना काफी फायदेमंद हो सकता है। जोड़ों की सूजन और अकड़न को कम करने में ओमेगा-3 फैटी एसिड कारगर होता है।
हेल्दी वजन मैनेज करें
वजन ज्यादा होने की वजह से, आर्थराइटिस का दर्द बढ़ सकता है। ज्यादा वजन होने के कारण जोड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है, खासकर घुटनों और हिप्स पर। इसलिए हेल्दी वजन मेंटेन करना, दर्द कम करने में काफी मददगार होता है। इसके अलावा, वजन ज्यादा होने की वजह से सूजन बढ़ने की समस्या भी रहती है। इसलिए हेल्दी वजन मेंटेन करना बेहद जरूरी होता है।
स्मोकिंग न करें
स्मोक करने की वजह से शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ती है, जो आर्थराइटिस की समस्या को और गंभीर बना सकती है। इसलिए स्मोकिंग न करें। अगर आप स्मोक नहीं करते हैं, तो सिग्रेट के धुएं से भी दूर रहें क्योंकि पैसिव स्मोकिंग भी सेहत के लिए हानिकारक होती है।
बॉडी पोस्चर ठीक रखें
आप कैसे उठते-बैठते है, कैसे खड़े होते हैं, इन सभी की वजह से आपके ज्वॉइन्ट्स पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए किसी फिजियोथेरेपिस्ट की मदद से आप अपना बॉडी पोस्चर ठीक करने में मदद ले सकते हैं। इससे आर्थराइटिस को मैनेज करने में काफी मदद मिलेगी। साथ ही, अपने रोज के काम करते समय भी अपने पोस्चर का ख्याल रखें। साथ ही अपने टास्क मैनेज करके, आप खुद को थकान से बचा सकते हैं, जो आर्थराइटिस के मरीजों के लिए काफी लाभदायक होता है।