Types of Hormones हमारे शरीर दिमाग के बीच अच्छी तरह से तालमेल बिठाने में हार्मोन्स का बहुत बड़ा रोल होता है। ये शरीर के केमिकल मैसेंजर होते हैं जो कई सारे कामों में मदद करते हैं। इनकी कमी और अधिकता दोनों ही शरीर को प्रभावित कर सकती है। डायबिटीज स्ट्रेस इररेग्लुयर पीरियड्स जैसी कई समस्याओं के पीछे हार्मोन्स ही जिम्मेदार होते हैं।
शरीर में इनकी कम या ज्यादा मात्रा दोनों ही खतरनाक हो सकती है और सेहत संबंधी कई समस्याएं पैदा कर सकती है। आज के लेख में हम शरीर में मौजूद कुछ ऐसे ही जरूरी हार्मोन्स के बारे में जानेंगे।
इन्सुलिन
इसका काम शरीर में ग्लूकोज को एनर्जी में बदलना होता है, जिससे डायबिटीज होने का खतरा कम होता है। इन्सुलिन के सही तरह से काम न करने या इसकी कमी से डायबिटीज की प्रॉब्लम हो सकती है।
हैप्पी हार्मोन
हमारे शरीर में 4 तरह के हैप्पी हार्मोन होते हैं- डोपामाइन, सेरोटोनिन, ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन। इन चारों हार्मोन्स पर अलग-अलग तरह की जिम्मेदारी होती है। इनके सही मात्रा में स्त्राव से मन खुश रहता है। अच्छा खानपान, नियमित रूप से एक्सरसाइज, मेडिटेशन, सोशल बॉन्डिंग, ठहाके मारकर हंसने से ये हार्मोन्स अपना काम सही तरही से करते हैं।
मेलाटोनिन
इन हार्मोन का कनेक्शन हमारी नींद से होता है।
थायरॉइड हार्मोन
ये हार्मोन मेटाबॉलिज्म से जुड़ा होता है और साथ ही शरीर में ऊर्जा के स्तर को भी नियंत्रित करता है।
पैराथाइरॉयड हार्मोन
पैराथायरॉइड हार्मोन कैल्शियम के लेवल को कंट्रोल करता है। जब कैल्शियम का स्तर बहुत कम होता है, जो यह हार्मोन ब्लड में कैल्शियम के लेवल को बढ़ाता है।
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन
ये खासतौर से महिलाओं में पाए जाने वाले हार्मोन हैं, जो गर्भधारण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ग्रोथ हार्मोन
यह हार्मोन हमारे शरीर की ऊंचाई और बॉडी मास को नियंत्रित करता है। यह बच्चों और युवाओं में ग्रोथ के लिए खासतौर से महत्वपूर्ण है।
टेस्टोस्टेरॉन
यह पुरुषों में प्रमुख रूप से होता है, लेकिन महिलाओं में भी पाया जाता है। यह हार्मोन पीरियड्स, हेल्थ और बॉडी में एनर्जी लेवल को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है।
कॉर्टिसोल
किसी तरह का स्ट्रेस होने पर यह हार्मोन उससे उबरने में या जूझने में शरीर की मदद करता है। इसे फाइट हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है।
गोनैडोट्रोपिन
यह हार्मोन महिलाओं के ओवेरियन फैलोपियन ट्यूब्स को एक्टिव करता है और गर्भाशय को प्रेरित करता है जिससे गर्भधारण हो सके।
प्रोलेक्टिन
इस हार्मोन का काम स्तनपान के लिए बॉडी को तैयार करना है।