तनाव सिर्फ आपके मेंटल हेल्थ को ही प्रभावित नहीं करता बल्कि ये कई शारीरिक समस्याओं की भी वजह बन सकता है। बहुत ज्यादा स्ट्रेस में रहने वाले लोग टाइप-2 डायबिटीज का शिकार हो सकते हैं जो बहुत गंभीर बीमारी है। इसलिए स्ट्रेस को मैनेज करना जरूरी है। आइए जानते हैं तनाव और डायबिटीज का कनेक्शन साथ ही इसे कैसे करें कंट्रोल।

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ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा

ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं

 बहुत ज्यादा तनाव कई बीमारियों की वजह बन सकता है और अगर आप पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो तनाव इसे और भी ज्यादा गंभीर बना सकता है। कई रिसर्च से पता चला है कि तनाव ब्लड शुगर को भी प्रभावित कर सकता है। डायबिटीज और तनाव के बीच गहरा संबंध है। आइए जानते हैं इस बारे में और साथ ही स्ट्रेस को मैनेज करने के तरीके भी। 

समझें तनाव और डायबिटीज के बीच का संबंध 

हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। यही नियम तनाव पर भी लागू होता है। स्ट्रेस लेने से शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन रिलीज होता है। यह केमिकल ग्लूकोज बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। जो डायबिटीज मरीजों के लिए सही नहीं। इसलिए तनाव लेने से बचें।

तनाव कम करने के तरीके

1. मेडिटेशन की प्रैक्टिस करें 

अध्ययन में पाया गया है कि टाइप-2 डायबिटीज वाले लोग, अगर तनाव दूर करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और मेडिटेशन करते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त दवाएं या इंसुलिन लेने की जरूरत नहीं होती है। कुछ खास तरह के योग और प्राणायाम करने से डायबिटीज के मरीज खुद को हेल्दी रख सकते हैं और इस बीमारी की गंभीरता से बचे रह सकते हैं। 

सेल्फ केयर और मैनेजमेंट है जरूरी 

स्ट्रेस की वजह से बढ़ने वाले ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करना मुश्किल होता है, लेकिन सेल्फ केयर और हेल्दी रूटीन अपनाकर काफी हद तक इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है। स्ट्रेस के अलावा और किन चीज़ों से शुगर बढ़ रहा है, इस पर नजर रखें और अगर उसे कंट्रोल करना आपके बस में है, तो इसके तरीके ढूंढ़ें। डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम करके, पर्याप्त मात्रा नींद और रोजाना कुछ देर की एक्सरसाइज से डायबिटीज़ ही नहीं और कई समस्याओं से भी बचे रहा जा सकता है। 

अपनी मनपसंद चीज़ें करें

एक कहावत है कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है और ये बिल्कुल सच है। खाली बैठने से पुरानी बातें सोचकर सिर्फ और सिर्फ तनाव होता है, तो इससे बचने का बहुत अच्छा तरीका है खुद को इंगेज रखना। उन चीज़ों को समय दें जिन्हें करने से आपको खुशी मिलती है। फिर चाहे वो घूमना-फिरना हो, डांस या म्यूजिक हो, वीडियो गेम खेलना हो या फिर दोस्तों के साथ टाइम बिताना। यकीन मानिए अपनी पसंदीदा चीज़ें करने से स्ट्रेस होता ही नहीं। 

इन तरीकों से स्ट्रेस रहेगा कोसों दूर और आप बने रहेंगे हेल्दी एंड हैप्पी।