स्लीप एपनिया एक ऐसी कंडिशन है जिसमें व्यक्ति को सोते समय सांस लेने में रुकावट या तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इस कारण से व्यक्ति को सोने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके रिस्क को कम कैसे किया जा सकता है इस बारे में एक स्टडी सामने आई है। जानें क्या पाया गया इस स्टडी में।
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क्या पाया गया स्टडी में?
ईआरजे ओपन रिसर्च में पब्लिश हुई इस स्टडी में पाया गया है कि वे लोग, जिनकी डाइट में अधिक मात्रा में फल, सब्जियां, नट्स और साबुत अनाज शामिल होते हैं, उनमें स्लीप एपनिया का खतरा काफी हद तक कम होता है। क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, स्लीप एपनिया एक ऐसी कंडिशन होती है, जिसमें सोते समय व्यक्ति सांस नहीं ले पाता है। इसका कारण विंड पाइप ब्लॉक होना या दिमाग का ठीक से ब्रीदिंग को कंट्रोल न कर पाना, हो सकते हैं।
इस स्टडी में पाया गया कि वे लोग जो प्लांट बेस्ड डाइट फॉलो करते हैं, उनमें स्लीप एपनिया का खतरा 19 प्रतिशत कम था और जो लोग अनहेल्दी प्लांट बेस्ड डाइट, जैसे- प्रोसेस्ड ग्रेन्स, ज्यादा तली-भुनी चीजें, ज्यादा नमक और चीनी वाले फूड आइटम्स, और जो लोग प्लांट बेस्ड फूड्स को कम मात्रा में खाते हैं, उनमें स्लीप एपनिया का खतरा 22 प्रतिशत अधिक था।
क्या है इसकी वजह?
इसका कारण क्या हो सकता है, यह तो पता नहीं चल पाया है, लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि इसकी एक वजह यह हो सकता है कि प्लांट बेस्ड डाइट की वजह से इंफ्लेमेशन और मोटापे का खतरा काफी कम होता है। ये दोनों ही स्लीप एपनिया का कारण बन सकते हैं। इस वजह से प्लांट बेस्ड डाइट फायदेमंद हो सकता है।
क्या हैं स्लीप एपनिया के लक्षण?
- इनसोम्निया
- खर्राटे लेना
- सोते समय सांस न ले पाना या इसकी वजह से बार-बार नींद खुलना
- दिन के समय अधिक नींद आना
- मूड खराब रहना
- दूसरों द्वारा यह बताना कि सोते समय आप सांस लेना बंद कर देते हैं
- सिर दर्द
- उठने के बाद थकान महसूस होना