समस्त देश भर की भांति रोहा, चापरमुख में लोकआस्था,सुर्योपासना का महापर्व के आज द्वितीय दिन छठ व्रती द्वारा खरना के साथ ही समस्त क्षेत्र छठी मैया के गीतों से भक्तिमय हो गया।
दिपावली के पांच दिन के पस्चात लोकआस्था का महापर्व छठ पुजा मनाया जाता है ।
महापर्व छठ पुजा के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा साफ सफाई का बहुत ध्यान रखने के साथ ही सात्विक आहार ग्रहण किया जाता है ।
रोहा,चापरमुख में कलंग नदी छठ पुजा घाट पर संध्या और प्रात:कालीन अर्ध्य के तैयारी पुरी कर ली गयी है।
गत शुक्रवार को छठ व्रती द्वारा नहाय खाय के साथ चार दिवसीय महापर्व छठ का श्रीगणेश करने के साथ ही आज महापर्व के द्वितीय दिन खरना के तौर पर मनाया जाता है ।
आज श्रद्धालुओं द्वारा बाजारों से डाला,सूप,फल मूल सहित विभिन्न पूजन सामग्रियों की खरीददारी करने के पस्चात सांय को छठ व्रती द्वारा अपने अपने घरों में पुजा अर्चना करने के साथ ही छठ व्रती गुड़ की खीर, कद्दु का प्रसाद भगवान का भोग लगाने के पस्चात छठ व्रती प्रसाद का ग्रहण करने के पस्चात छठ व्रती 36घंटे का निर्जला उपवास का संकल्प ले उपवास रखते है जो बिस नवंबर प्रात:कालीन अर्घ्य के पस्चात ही पारण करेंगें।साथ ही समस्त क्षेत्र छठी मैया के गीतों से भक्तिमय हो गया।
छठ व्रती द्वारा रविवार छठ पुजा घाट पर भगवान भास्कर को अस्तचलगामी अर्घ्य अर्पीत करने के साथ ही सोमवार को छठ व्रती प्रात:कालीन अर्घ्य अर्पीत कर 36घंटे के निर्जला व्रत का पारण कर चार दिवसीय महापर्व का समापन करेंगें।