मुख्यमंत्री की इस महीने यह तीसरी उदयपुर यात्रा है। सोमवार को उन्होंने उदयपुर में संभाग स्तरीय किसान सम्मेलन का उद्घाटन किया। किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनका सपना 2030 तक राजस्थान को नंबर वन बनाने का है। यह सब आपके सहयोग से होगा। जनता ही माई-बाप है। उत्साहित जनता को देखकर उन्होंने कहा कि मुझे लग रहा है आप खुश हैं।

उन्होंने कहा कि आज कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक जो ईजाद होती है उसी का फायदा किसान तक पहुंचे। ऐसे मेले लगाकर उनका उत्साह बढ़ाया जाए यही सोच है। आज के दौर में आधुनिक खेती जरूरी है और इससे उत्पादन भी बढ़ेगा इसलिए किसानों को फायदा होगा इसलिए किसान मेले जरूरी है। गहलोत ने कृषि उपज मण्डी सब यार्ड बलीचा का लोकार्पण, सीएम कृषि प्रदर्शनी का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री गाय की पूजा कर सब यार्ड का लोकार्पण करने पहुंचे।

इससे पहले गहलोत दोपहर 12 बजे के करीब उदयपुर पहुंचे। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया भी उनके साथ आए। गहलोत के स्वागत के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, राज्यमंत्री जगदीश राज श्रीमाली, वल्लभनगर विधायक श्रीमती प्रीति शक्तावत, पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया, प्रधान श्रीमती सज्जन कटारा आदि ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

भाजपा पर तंज

मुख्यमंत्री गहलोत ने एक बार फिर भाजपा पर तंज कसते हुए दोहराया कि उनका लोकतंत्र पर विश्वास नहीं है। वह धन बल से चुनाव जीतना चाहते हैं लेकिन हम सीमित संसाधनों से चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे भी। उन्होंने दोहराया कि पिछले दिनों जब वह यहां सेटेलाइट अस्पताल में स्वर्गीय खेमराज कटारा की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में आए तो उन्होंने देखा कि कई किलोमीटर तक लोगों का कारवां जुटा था और उनके अभिवादन में हाथ उठाकर लोग जबाव दे रहे थे। गहलोत बोले मोदी तो रोड शो करते और मेरे बिना कुछ खर्च किए ही रोड शो हो गया।

उदयपुर के लिए की नई घोषणाएं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को उदयपुर के लिए नई घोषणाएं कीं। उदयपुर की मंडी को क्रमोन्नत कर आदर्श मंडी बनाई जाएगी। वहीं नई फल सब्जी मंडी खोला जाना भी शामिल है। उन्होंने कहा, 100 बीघा जमीन पर 50 करोड़ रुपए की लागत से नई फल सब्जी मंडी खोली जाएगी। साथ ही उदयपुर जिले में सीताफल, आम और औषधीय पौधों के लिए तीन ऐसे सेंटर विकसित किए जाएंगे, जिनमें अनुसंधान किया जा सकेगा। सेंटर बनाए जाएंगे ताकि इन पर अनुसंधान कर काम किया जा सके। जो कोटड़ा, झाड़ोल व लसाड़िया क्षेत्र में खोले जाएंगे।