नई दिल्ली, रशिया और यूक्रेन के युद्ध को लगभग एक साल से ऊपर हो चुका है। इतना समय बीत जाने के बाद भी ये युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। रशिया और यूक्रेन युद्ध के दौरान दोनों ही देशों को आर्थिक और जानमाल की हानि हुई है। वहीं, इन दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के दौरान वैगनर ग्रुप की भी चर्चा जोरों पर हो रही है।
बता दें कि रूस में जारी युद्ध के बीच में वैगनर ग्रुप ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ तख्तापलट का ऐलान कर दिया है। बड़ी संख्या में वैगनर ग्रुप के लड़ाके मॉस्को की ओर बढ़ रहे हैं। उन्हें रोकने के लिए रास्ते में रूसी सेना ने भी भारी मोर्चाबंदी कर रखी है। रूसी शहर रोस्तोव में रूसी सेना और वैगनर ग्रुप के बीच भीषण लड़ाई की भी खबर सामने आ रही है।
वैगनर ग्रुप को किसी समय पुतिन की पर्सनल आर्मी भा कहा जाता रहा है। इस ग्रुप के लड़ाको ने यूक्रेन में रूसी सेना के साथ मिलकर युद्ध भी लड़ा है। वहीं पहले भी कई बार येवगेनी प्रिगोझिन रूसी सैनिकों की आलोचना भी करते हुए दिखाई दिए हैं।
ये पहला मौका है, जब प्रिगोझिन ने सीधे तौर पर पुतिन का नाम लेते हुए उन्हें रूस की सत्ता से बाहर कर देने की धमकी दी है। वैगनर ग्रुप के लड़ाकों के मॉस्को की ओर कूच करने के बाद क्रेमलिन और रूसी संसद ड्यूमा की सुरक्षा भी अब बढ़ा दी गई है।
जो हमारे रास्ते में आएगा उसे हम खत्म कर देंगे -प्रिगोझिन
हमेशा से ही ऐसा माना जाता रहा है कि रूस में व्लादिमिर पुतिन को चुनौती देने वाला कोई भी व्यक्ति नहीं है। ऐसे समय में येवगेनी प्रिगोझिन की धमकी को काफी गंभीरता से लिया जा रहा है। येवगेनी प्रिगोझिन ने बखमुत शहर में वैगनर ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल हमले के लिए क्रेमलिन को दोषी ठहराया है और प्रिगोझिन ने इस हमले के लिए रूस को सजा देने की भी बात कही है।
जानकारी के अनुसार वैगनर ट्रेनिंग कैंप पर किए गए मिसाइल हमले में वैगनर ग्रुप को काफी नुकसान हुआ है। प्रिगोझिन ने ऐलान किया है कि हम मॉस्को जा रहे हैं, जो रास्ते में आएगा, वो खुद इसके लिए जिम्मेदार होगा।
येवगेनी ने एक वीडियो मैसेज में कहा कि जिन्होंने आज हमारे लोगों को नष्ट कर दिया, जिन्होंने दसियों, हजारों रूसी सैनिकों की जान ली, उन्हें दंड दिया जाएगा। जो कोई भी विरोध करने की कोशिश करेगा, हम उन्हें खतरा मानेंगे और हमारे रास्ते में आने वाली सभी चौकियों सहित उन्हें तुरंत खत्म कर देंगे।
कौन है येवगेनी प्रिगोझिन जिसने दी पुतिन को धमकी?
येवगेनी प्रिगोझिन पुतिन से उम्र में भी छोटे हैं। प्रिगोझिन का जन्म व्लादिमिर पुतिन से करीब 9 साल बाद 1961 में लेलिनग्राद में हुआ था। इस शहर को अब सेंट पीटर्सबर्ग के नाम से जाना जाता है। जब प्रिगोझिन छोटा था तो उस समय ही उसके पिता की मृत्यु हो गई थी।
प्रिगोझिन ने खुद बताया है कि उसकी मां एक अस्पताल में काम करती थीं। प्रिगोझिन ने प्राथमिक शिक्षा के बाद खेल अकादमी ज्वाइन कर ली थी। इस दौरान वो रोजाना घंटों क्रॉस-कंट्री स्कीइंग करता था। इसके बावजूद वो पेशेवर एथलीट के रूप में जगह नहीं बना सका। स्कूल खत्म होने के बाद येवगेनी प्रिगोझिन छोटे-मोटे अपराधियों की भीड़ में शामिल हो गया।
रेस्टोरेंट में ही हुई थी व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात
इन सब के बीच ही येवगेनी प्रिगोझिन की मुलाकात सेलिस्ट मस्टीस्लाव रोस्ट्रोपोविच से हुई। रोस्ट्रोपोविच ने 2001 में अपने सेंट पीटर्सबर्ग स्थित घर पर स्पेन की रानी की मेजबानी की थी। इस दौरान येवगेनी प्रिगोझिन ने उनके घर पर आए हुए सभी मेहमानों के खानपान की जिम्मेदारी संभाली थी।
रोस्ट्रोपोविच ने 2002 में अपने 75वें जन्मदिन के दौरान लंदन में एक भव्य म्यूजिकल प्रोग्राम आयोजित किया था। इसमें प्रिगोझिन और उसकी पत्नी को भी बुलाया गया था। उस समय तक पुतिन रूस के राष्ट्रपति बन चुके थे।
अपने शासन के शुरुआती सालों के दौरान, पुतिन अक्सर अपने गृह नगर सेंट पीटर्सबर्ग में विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिलना पसंद करते थे और वह कभी-कभी उन्हें ओल्ड कस्टम्स हाउस या न्यू आइलैंड ले जाते थे। इस दौरान पुतिन और प्रिगोझिन की दोस्ती लगातार बढ़ती जा रही थी।
पुतिन ने रूस में सरकारी आयोजनों के लिए जारी कॉन्ट्रैक्ट येवगेनी प्रिगोझिन को दे दिया। इसके बाद 2012 में उसने मॉस्को के स्कूलों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए कई बड़े कॉन्ट्रैक्ट भी हासिल कर लिए थे।
पुतिन का शेफ भी रहा है प्रिगोझिन
येवगेनी प्रिगोझिन और पुतिन पुराने जमाने के दोस्त भी रहे हैं। दोनों का जन्म लेनिनग्राद में हुआ था, जिसे अब सेंट पीटर्सबर्ग के नाम से जाना जाता है।
सोवियत संघ के अंतिम वर्षों के दौरान, प्रिगोझिन ने अपना बहुत समय जेल में भी बिताया है।
जेल से रिहा होने के बाद येवगेनी ने एक रेस्टोरंट भी खोला था। उसके पास एक हॉट डॉग स्टैंड और फिर फैंसी रेस्तरां था, जिनमें पुतिन को भी काफी रुचि थी। अपने पहले कार्यकाल में, रूसी नेता तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति जैक्स शिराक को भोजन कराने के लिए इन्हीं में से एक रेस्टोरेंच में ले गए थे।
प्रिगोझिन ने 2011 में प्रकाशित एक साक्षात्कार में कहा था कि व्लादिमीर पुतिन ने देखा है कि कैसे मैंने एक कियोस्क से व्यवसाय बनाया, उन्होंने देखा है कि मुझे कभी भी मेहमानों की सेवा करने में कोई आपत्ति नहीं रही है क्योंकि वे मेरे मेहमान थे।
प्रिगोझिन के व्यवसाय में खानपान और स्कूल का दोपहर का भोजन उपलब्ध कराने तक काफी विस्तार हुआ था। 2010 में, पुतिन ने प्रिगोझिन की फैक्ट्री खोलने में भी मदद की थी जिसे एक राज्य बैंक द्वारा लोन लेकर बनाई गई थी।
अकेले मॉस्को में ही प्रिगोझिन की कंपनी कॉनकॉर्ड ने पब्लिक स्कूलों में भोजन उपलब्ध कराने के अनुबंध में लाखों डॉलर कमाए थे। प्रिगोझिन ने कई सालों तक क्रेमलिन कार्यक्रमों के लिए खानपान की व्यवस्था भी की थी जिससे चलते प्रिगोझिन को "पुतिन का शेफ" उपनाम दिया था और रूसी सेना को खानपान और उपयोगिता सेवाएं प्रदान कीं।
2017 में, विपक्षी नेता और भ्रष्टाचार सेनानी एलेक्सी नवलनी ने प्रिगोझिन की कंपनियों पर रक्षा मंत्रालय के अनुबंधों में लगभग 387 मिलियन डॉलर की बोली लगाकर अविश्वास कानूनों को तोड़ने का आरोप लगाया था।
क्या है मिलिट्री कनेक्शन?
येवगेनी प्रिगोझिन वैगनर ग्रुप का मालिक भी है, जो क्रेमलिन-सहयोगी भाड़े का बल है, जो दुनिया भर के संकटग्रस्त स्थानों में पुतिन के रूसी प्रभाव के प्रक्षेपण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए काम करता रहा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र और अन्य का कहना है कि भाड़े के बल ने विशेष रूप से अफ्रीका भर के देशों में संघर्षों में खुद को शामिल किया है। वैगनर लड़ाके कथित तौर पर आकर्षक भुगतान के बदले में राष्ट्रीय नेताओं या सरदारों को सुरक्षा प्रदान करते हैं, जिसमें अक्सर सोने या अन्य प्राकृतिक संसाधनों का हिस्सा भी शामिल होता है।
वैगनर ग्रुप के सैनिकों ने बखमुत शहर पर भी कब्जा कर लिया है। ये वही शहर है जहां सबसे ज्यादा खूनीसंघंर्ष और सबसे लंबे समय तक दोनों देशों के बीच लड़ाई हुई है।
अमेरिका का अनुमान है कि दिसंबर से यूक्रेन में मारे गए 20,000 रूसी सैनिकों में से लगभग आधे बखमुत में वैगनर लड़ाके थे। उनके भाड़े के सैनिकों में रूस की जेलों से भर्ती किए गए कैदी शामिल थे।
हिटलर से भी रहा है इस ग्रुप का कनेक्शन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वैगनर ग्रुप की स्थापना दिमित्री उत्किन ने थी। दिमित्री कभी रूस की खुफिया एजेंसी के लिए काम करते थे। दिमित्री एडोल्फ हिटलर को अपना आदर्श मानते आए हैं, यही वजह रही कि इस ग्रुप का कनेक्शन हिटलर से भी रहा है।
हिटलर म्यूजिक कम्पोजर रिचर्ड वैगनर को काफी पसंद करते थे। यही वजह रही कि वैगनर के नाम पर ही इस ग्रुप का नामकरण किया गया था।
पैसों के पीछे भागता है प्रिगोझिन
वैगनर ग्रुप की स्थापना के बाद येवगेनी प्रिगोझिन के अंदर ताकत की भूख लगातार बढ़ती जा रही है। एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि वह एक खोजी कुत्ते की तरह था, जो हमेशा पैसे की तलाश में रहता था। 2014 में प्रिगोझिन के कॉनकॉड समूह और रूसी रक्षा मंत्रालय के बीच मिलिट्री के लिए भोजन उपलब्ध करवाने को लेकर बातचीत शुरू हुई।
हालांकि, यह परियोजना सफल नहीं हो सकी। लेकिन, 2015 तक उनकी कंपनियों ने सेना को खिलाने के लिए 92 बिलियन रूबल (£ 1 बिलियन) से अधिक के प्रमुख कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए थे।