Gita Press Gandhi peace prize Controvery गीता प्रेस गोरखपुर को 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार मिलने पर कांग्रेस पार्टी ने एतराज जताया है। कांग्रेस ने केंद्र के कदम को उपद्रव जैसा बताया। कांग्रेस के बयान के बाद भाजपा ने भी अब पलटवार किया है।
रविशंकर बोले- कांग्रेस में अब माओवादी लोग
कांग्रेस द्वारा गीता प्रेस को दिए जाने वाले गांधी शांति पुरस्कार 2021 की आलोचना पर भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा,
कांग्रेस से क्या उम्मीद की जा सकती है जिसने राम मंदिर निर्माण की राह में रोड़े अटकाए? जो तीन तलाक का विरोध करती है ... गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार पर उनकी टिप्पणी से ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है? हम इसकी निंदा करते हैं। मैं भारी मन से कहना चाहता हूं कि देश पर शासन करने वाली पार्टी में अब माओवादी मानसिकता वाले लोग हैं, वे राहुल गांधी के भी सलाहकार हैं और इसका पूरे देश को विरोध करना चाहिए।
कर्नाटक की जीत से घमंड में चूर हैं कांग्रेसः हिमंता
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिसवा सरमा ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है। हिमंता ने कहा कि कर्नाटक में जीत के साथ ही कांग्रेस ने अब खुले तौर पर भारत के सभ्यतागत मूल्यों और समृद्ध विरासत के खिलाफ युद्ध शुरू कर दिया है, चाहे वह धर्मांतरण विरोधी कानून को रद्द करने या गीता प्रेस के खिलाफ आलोचना के रूप में हो।
हिमंता ने कहा कि कर्नाटक में मिली चुनावी जीत के घमंड में चूर होकर कांग्रेस अब भारतीय संस्कृति पर खुला प्रहार कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत की जनता कांग्रेस को सही जवाब देगी।
कांग्रेस ने कहा था ये
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 देना 'सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने' जैसा है। ये फैसला एक उपहास की तरह है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने गांधीवादी तरीकों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए गीता प्रेस को सम्मानित किया है।