नई दिल्ली। मणिपुर में जारी गंभीर हिंसा पर केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग करती रही कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से विदेश यात्रा पर रवाना होने से पूर्व सूबे की 10 विपक्षी पार्टियों नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को मुलाकात का समय देने का आग्रह किया है।
पीएम मोदी के दखल के बाद रूक सकती है हिंसा
मणिपुर में हिंसा रोकने में राज्य सरकार के पूरी तरह नाकाम होने का आरोप लगाते हुए पार्टी ने हालात को नियंत्रण में लाने के लिए प्रधानमंत्री के तात्कालिक दखल को जरूरी करार देते हुए कहा कि पीएम मोदी यदि पहल करें तो मणिपुर में डेढ महीने से जारी हिंसा रूक सकती है।
मणिपुर की 10 समान विचारधारा वाले दलों पीएमओ को लिखा पत्र
मणिपुर की 10 समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर के इन नेताओं ने 10 जून को ई-मेल भेजकर और 12 जून को पत्र पीएमओ को सौंप प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि उम्मीद करते हैं कि अमेरिका-मिस्त्र की यात्रा पर रवाना होने से पूर्व पीएम इनकी बात सुनने के लिए समय देंगे।
पीएम मोदी से मिलने कई नेताओं का लगा दिल्ली में जमावड़ा
कांग्रेस के अलावा मणिपुर की माकपा, भाकपा, जदयू, एनसीपी, आरएसपी, फारवर्ड ब्लॉक समेत कई स्थानीय पार्टियों के नेता पीएम से मुलाकात के लिए दिल्ली आए हुए हैं। जयराम ने कहा कि 45 दिनों से मणिपुर जल रहा है और राज्य सरकार पूरी तरह विफल साबित हो चुकी है, ऐसे में इन नेताओं की बात पीएम सुनेंगे हमारी यह अपेक्षा है।
2001 में भी हुई थी इसी तरह की हिंसा
2001 में 18 जून को मणिपुर में हुई इसी तरह की हिंसा के छह दिन बाद 24 जून को तत्कालीन पीएम वाजपेयी की राज्य के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात और फिर आठ जुलाई को सूबे के सांसदों-विधायकों से मुलाकात के बाद उनकी ओर से जारी की गई अपील का हवाला देते हुए उन्होंने पीएम मोदी से इसका अनुसरण करने का आग्रह किया।
गृहमंत्री के राज्य के दौरे से हालात में नहीं दिखा फर्क
साथ ही कहा कि गृहमंत्री के राज्य के दौरे से हालात में कोई फर्क नहीं आया है। पीएम की लगातार चुप्पी मणिपुर को नुकसान पहुंचा रही है और अगर पीएम शांति की अपील करेंगे तो हमें उम्मीद है कि राज्य के हालात में सुधार होगा।
मणिपुर हिंसा के लिए भाजपा जिम्मेदारः कांग्रेस
जयराम ने मणिपुर में हिंसा के मौजूदा दौर के लिए भाजपा की राजनीति और आरएसएस की विचाराधारा को जिम्मेदार ठहराया। वहीं, मणिपुर के 10 विपक्षी नेताओं की अगुवाई कर रहे कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह का घर जलाने की घटना सूबे के गंभीर हालात को बयान कर रहे हैं और अभी तक पीएम की ओर से अपील नहीं करना दुखदायी है।
सिंह ने कहा कि 10 पार्टियों के नेता किसी राजनीतिक फायदे के लिए नहीं बल्कि मणिपुर में शांति की पहल के लिए पीएम से मिलना चाहते हैं और उम्मीद है कि विदेश यात्रा पर जाने से पूर्व हमें मुलाकात का समय मिलेगा।