नई दिल्ली,  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोविन प्लेटफार्म से डाटा सेंधमारी की खबरों को खारिज करने के बाद साइबर सुरक्षा फर्म क्लाउडसेक ने कहा है कि खतरा पहुंचाने वाले तत्वों की न तो पूरे पोर्टल और न ही उपयोगकर्ताओं के डाटाबेस तक पहुंच है।

क्लाउडसेक ने अपने रिपोर्ट में क्या कहा?

क्लाउडसेक ने स्वतंत्र विश्लेषण के बाद एक रिपोर्ट में कहा कि टेलीग्राम डाटा से मेल खाने वाले क्षेत्रों और क्षेत्र के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रभावित करने वाली पूर्व की घटनाओं के आधार पर हमें लगता है कि जानकारी को इन कमजोर क्रेडेंशियल्स (लागइन पहचान) के माध्यम से जुटाया गया था। एक रूसी साइबर क्राइम फोरम पर 13 मार्च को 'थ्रेट एक्टर' (साइबर जगत में खतरा पहुंचाने वाले तत्वों) ने तमिलनाडु क्षेत्र के कोविन पोर्टल में पहुंच के लिए विज्ञापन दिया था।

स्वास्थ्य कार्यकर्ता के डाटा में लगी थी सेंध

एक विश्लेषण के बाद क्लाउडसेक ने कहा कि यह पता चला कि सेंध एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के डाटा में लगी थी, न कि बुनियादी ढांचे में। स्क्रीनशाट पर प्रदर्शित सामग्री मीडिया में बताए गए टेलीग्राम बाट के साथ मेल खाती है-जिसमें व्यक्ति का नाम, मोबाइल नंबर, पहचान प्रमाण, पहचान संख्या और डोज की संख्या की जानकारी दी गई।

कोविन पोर्टल में सेंध के दावे को स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया खारिज

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविन पोर्टल को बिल्कुल सुरक्षित बताते हुए पंजीकृत लाभार्थियों के आंकड़ों में सेंध लगने का दावा करने वाली खबरों को बेबुनियाद और शरारतपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कहा कि कोविन पोर्टल डाटा पूरी तरह से सुरक्षित है। देश की नोडल साइबर सुरक्षा एजेंसी भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन) ने मामले की समीक्षा की है।

कोविन प्लेटफार्म पूरी तरह संरक्षित और सुरक्षित

इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर कोविन डाटा में कथित सेंधमारी को लेकर सर्ट-इन ने तुरंत कदम उठाया और जांच की। उन्होंने कहा कि कोविन प्लेटफार्म पूरी तरह संरक्षित और सुरक्षित है।