नई दिल्ली, ब्रिटिश प्रसारक बीबीसी ने आयकर विभाग को सूचित किया है कि भारत में परिचालन से हुई पिछली कुछ आय की सूचना आयकर रिटर्न (आइटीआर) में नहीं दी जा सकी थी। लिहाजा वह इसमें कुछ संशोधन करना चाहती है। हालांकि, आयकर विभाग के सूत्रों ने कहा कि बीबीसी के इस प्रस्ताव की उस समय तक कोई कानूनी वैधता नहीं है, जब तक वह बकाया करों का भुगतान नहीं कर देती।
आयकर विभाग के प्रशासनिक निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड
सूत्रों ने बीबीसी की तरफ से की गई कर चोरी या संभावित बकाया राशि बताने से इन्कार करते हुए कहा कि मामले की जांच अभी चल रही है। आयकर विभाग के प्रशासनिक निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस बारे में कहा कि वह किसी विशिष्ट मामले पर टिप्पणी नहीं करता है। बीबीसी ने इस संदर्भ में सवाल किए जाने पर कहा कि वह प्रशासन के साथ सहयोग करती रहेगी।
बीबीसी के प्रवक्ता ने कहा
बताते चलें, आयकर विभाग ने कथित कर चोरी की जांच के सिलसिले में इस साल फरवरी में बीबीसी के दिल्ली स्थित परिसरों में तीन दिन तक तलाशी अभियान चलाया था। बीबीसी के प्रवक्ता ने कहा, हम भारतीय कर अधिकारियों की पूछताछ में पूरा सहयोग कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। प्रक्रिया जारी है और इसे पूरा होने में समय लगेगा। बीबीसी अपने कर दायित्वों को बहुत गंभीरता से लेती है।
तलाशी अभियान के तुरंत बाद सीबीडीटी ने संस्था का नाम नहीं लेते हुए कहा था कि बीबीसी समूह की संस्थाओं द्वारा दिखाई गई आय और लाभ भारत में उनके परिचालन के पैमाने के अनुरूप नहीं हैं। इसकी विदेशी संस्थाओं द्वारा कुछ धन भेजने पर कर का भुगतान नहीं किया गया है।