सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिना किसी मांग पर्ची और आईडी प्रूफ के 2,000 रुपये के नोटों को बदलने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका की तत्काल लिस्टिंग के मुद्दे पर अपनी रजिस्ट्री से रिपोर्ट मांगी है।

याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए मामले का उल्लेख करने के बाद न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाश पीठ ने यह आदेश पारित किया।

शीर्ष अदालत ने अधिसूचनाओं को चुनौती देने वाली उपाध्याय की याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए एक जून को सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह गर्मी की छुट्टियों के दौरान ऐसी याचिकाओं पर विचार नहीं करेगी।

बता दें कि 19 मई को आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी और कहा था कि चलन में मौजूद ये नोट या तो बैंक खातों में जमा किये जाएं या 30 सितंबर तक इन्हें बदल लिया जाए। आरबीआई ने एक बयान में कहा था कि 2000 रुपये के नोट की वैधता बनी रहेगी।