नई दिल्ली, नए संसद भवन का शुभारंभ पीएम द्वारा किए जाने पर कई विपक्षी दल समारोह का बहिष्कार कर रहे हैं। इनकी दलील है कि लोकतंत्र के प्रतीक संसद भवन का शुभारंभ राष्ट्रपति को करना चाहिए।
हालांकि इतिहास बताता है कि कई अवसर पहले आए हैं जब बहिष्कार कर रहे कई विपक्षी व गैर भाजपा दलों की सरकारों के पीएम, सीएम और नेताओं ने संसद या विधानसभा के भवनों का उद्घाटन और शिलान्यास किया है। विडंबना यह कि इनमें से अधिकांश समारोहों में राष्ट्रपति या राज्यपाल को आमंत्रित तक नहीं किया गया।
मणिपुर: नया विधानसभा परिसर
दिसंबर 2011 में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मणिपुर की राजधानी इंफाल में नए विधानसभा परिसर और सिटी कन्वेंशन सेंटर समेत कई भवनों का शुभारंभ किया था।
बिहार: विधानसभा का सेंट्रल हाल
फरवरी 2019 में सीएम नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा के नए केंद्रीय कक्ष का उद्घाटन किया था। तब राज्यपाल को इस समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था।
तमिलनाडु: नया विधानसभा परिसर
मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और तमिलनाडु के सीएम एम करुणानिधि ने वर्ष 2010 के मार्च माह में नए विधानसभा परिसर का उद्घाटन किया जिसमें राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया था।
संसद भवन: एनेक्सी
24 अक्टूबर 1975 को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने नई दिल्ली में संसद की एनेक्सी यानी उपभवन का उद्घाटन किया था। देश में उस समय आपातकाल चल रहा था और राष्ट्रपति इस समारोह में आमंत्रित नहीं थे।
संसद भवन: पुस्तकालय
15 अगस्त 1987 को तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने संसद भवन में नए पुस्तकालय का उद्घाटन किया था। कांग्रेस सरकार में हुए इस समारोह में भी राष्ट्रपति को आमंत्रण नहीं दिया गया था।
झारखंड और असम: नए विधानसभा भवन
वर्ष 2014 में यूपीए सरकारों के मुख्यमंत्रियों ने झारखंड और असम में विधानसभा भवनों का शिलान्यास किया था। राज्यपाल आमंत्रित नहीं थे।
आंध्र प्रदेश: नया विधानसभा भवन
वर्ष 2018 के जनवरी माह में आंध्र प्रदेश के तत्कालीन सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू ने नए विधानसभा भवन का शुभारंभ किया। समारोह में राज्यपाल को नहीं बुलाया गया था।
छत्तीसगढ़: नया विधानसभा भवन
वर्ष 2020 में सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ में नए विधानसभा भवन का शिलान्यास किया जिसमें राज्यपाल को आमंत्रण नहीं दिया गया था।
तेलंगाना: नया विधानसभा भवन
वर्ष 2023 में तेलंगाना के विधानसभा भवन का शुभारंभ सीएम केसी राव ने किया, लेकिन राज्यपाल को नहीं बुलाया गया।