नई दिल्ली, हाल ही में चलन से वापस लिए गए 2,000 रुपये के अधिकतम 10 नोटों (कुल 20,000 रुपये) को बदलने के लिए किसी फार्म या पहचान पत्र (आइडी) की जरूरत नहीं है। आरबीआइ ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी। इन नोटों को बैंक खातों में जमा करने या बदलने के लिए जनता को 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। हालांकि, 2000 रुपये का नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बना रहेगा।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने अपने सभी प्रधान कार्यालयों के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर कहा है कि आम जनता को एक बार में कुल 20,000 रुपये तक के 2,000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए किसी फार्म की जरूरत नहीं होगी। ऐसे नोटों को अपने खाते में जमा करने के लिए आरबीआइ ने कोई सीमा नहीं तय की है।
हालांकि इसके लिए 'अपने ग्राहक को जानो’ (केवाईसी) मानदंडों व अन्य लागू वैधानिक जरूरतों को पूरा करना होगा। बैंक ने 20 मई के पत्र में कहा कि नोट बदलते समय कोई पहचान प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं है।
एसबीआइ ने कार्यालयों को लोगों के लिए सभी तरह की सुविधाओं की व्यवस्था करने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक 2,000 रुपये के नोट बदलने के लिए कोई कितनी भी बार कतार में खड़ा हो सकता है।
नोट बदलने की सुविधा 23 मई से उपलब्ध होगी, लेकिन कई ग्राहक शनिवार को 2,000 रुपये के नोट बदलने के लिए अपनी शाखाओं में पहुंचे। कुछ ग्राहकों ने खातों में 2,000 रुपये के नोट जमा करने के लिए कैश डिपाजिट मशीनों का प्रयोग किया।
सरकार ने अपनी गलती सुधारने में सात साल लगा दिए। उम्मीद है कि भारत सरकार 1000 रुपये के नोट को फिर से बाजार में लाएगी। मोदी सरकार द्वारा 1000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को वापस लेना एक गंभीर गलती थी । (पी चिदंबरम, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता)