ब्रसेल्स,  अस्थिरता और अनिश्चितता के दौर में वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े खतरों को कम करना महत्वपूर्ण है। यह कार्य अपनी प्रगति की रफ्तार बनाए रखकर भारत कर रहा है। यह बात बेल्जियम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-यूरोपीय संघ (EU) व्यापार और तकनीक परिषद की बैठक में कही है।

इस बैठक में भारत की ओर से विदेश मंत्री जयशंकर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और संचार, इलेक्ट्रानिक्स व आइटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने हिस्सा लिया। बैठक में रणनीतिक तकनीक, डिजिटल गवर्नेंस और प्रदूषण मुक्त तकनीक पर विचार किया गया। जयशंकर ने इसे परस्पर हितों पर आधारित बहुत अच्छी बैठक बताया है।

उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी शुरुआत है। यह बैठक उन कार्य बिंदुओं पर आधारित है, जो हम जमीन पर कर रहे हैं। ऐसे में जबकि विश्व अस्थिरता और अनिश्चितता का शिकार है तब अर्थव्यवस्था से जुड़े खतरों को कम करने के प्रयास बहुत महत्वपूर्ण हैं।

ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का होगा विकास

उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के मित्रों के साथ मिलकर इसी प्रयास को आगे बढ़ाने की हम कोशिश कर रहे हैं। हमने प्रभावी और विश्वसनीय आपूर्ति व्यवस्था बनाने, पारदर्शी और परस्पर विश्वासपूर्ण व्यवस्था बनाने और डिजिटल प्लेटफार्म पर भरोसा कायम करने पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने प्रतिभाशाली लोगों का सबसे अच्छा लाभ लेने के बारे में भी चर्चा की। इससे ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का विकास होगा।

जयशंकर ने बताया कि बैठक में एक सहयोगी ने अ टेकेड- अ डेकेड पर बात की। यह तकनीक आधारित विकास की दस वर्ष की कार्ययोजना होगी।

भारतीय विदेश मंत्री ने बताया कि इस बैठक में प्रगति से जुड़े तीन कार्य समूह शामिल हुए थे। हमारे पास भविष्य के लिए स्पष्ट योजना है। इसे लेकर हम साथ-साथ आगे बढ़ सकते हैं। परस्पर विश्वास इस सहयोग का आधार होगा। अभी भी हम महत्वपूर्ण सहयोगी हैं, लेकिन रणनीतिक सहयोग बढ़ाकर हम वैश्विक अर्थव्यवस्था और वैश्विक सुरक्षा को ज्यादा लाभ पहुंचा सकते हैं, साथ ही स्थिर-सुरक्षित-संपन्न विश्व बनाने में सहयोग दे सकते हैं।